ये रिश्तों का कत्ल है:बेटे ने पिता को अपनी पत्नी के साथ गलत हरकत करते देखा

दोस्तों को 50 हजार रु. सुपारी कराया देकर मर्डर

जबलपुर। 5 दिन पहले जबलपुर के जंगल में मिली अधजली लाश का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस का दावा है कि मरने वाले के बेटे ने ही उसकी हत्या कराई थी। आरोपियों से पूछताछ के दौरान हैरान करने वाली कहानी सामने आई। बेटे ने बताया कि पिता उसकी पत्नी के साथ गलत हरकतें करता था। उसे ऐसा करते हुए देखने के बाद बेटे ने अपने 4 दोस्तों को सुपारी देकर पिता की हत्या करा दी। इसके बाद शव को जला दिया।बेटे ने थाने में पिता की गुमशुदगी भी दर्ज करा दी, लेकिन जांच के दौरान मां के बयान पर पुलिस को शक हुआ और हत्याकांड का खुलासा हो गया। पुलिस ने मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

वन विभाग की टीम को 28 मार्च को मिला था शव
वन विभाग की टीम को 28 मार्च की दोपहर गढ़ गोरखपुर के पास बरगी-घंसौर रोड किनारे अधजली लाश मिली थी। सीनियर बीट गार्ड अमित त्रिपाठी ने पुलिस को इसकी सूचना दी। शव को पोस्टमॉर्टम के बाद दफना दिया गया। SP ने मामले के खुलासे पर 10 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया।31 मार्च को सिवनी जिले के घंसौर थाने में बरोदा माल की रहने वाली रम्मूबाई ने अपने पति शैल कुमार उर्फ शिल्लू पटेल की गुमशुदगी दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि 26 मार्च को उनके पति गांव के आयुष शर्मा और मनोज उर्फ पंडा बैगा के साथ गए थे। इसके बाद घर नहीं लौटे। शैल पटेल खेती के साथ दूध का कारोबार करते थे।पुलिस ने परिवार को 28 मार्च को मिले शव के बारे में बताया। रम्मूबाई ने गले की माला और पैर में पहने लोहे के कड़ा से शव की पहचान कर ली। घंसौर पुलिस ने बरगी पुलिस से इसकी जानकारी दे दी।

पत्नी के बयानों से आरोपियों तक पहुंची पुलिस
मरने वाले की पहचान होने के बाद गुरुवार को बरगी पुलिस ने दफनाए शव को बाहर निकलवाया। इस दौरान शैलू का बेटा प्रमोद और उसके दोस्त आयुष के साथ कुछ गांव वाले भी मौजूद थे। उसी समय बरगी टीआई शिवराज सिंह के साथ एक टीम शैलू के गांव में पूछताछ कर रही थी।बरगी टीआई पहले घंसौर में भी तैनात रह चुके हैं। शैलू की पत्नी रम्मू बाई ने बताया कि उनके पति आयुष शर्मा और मनोज उर्फ पंडा बैगा के साथ बाइक से गए थे। इसके बाद श्मशान घाट में मौजूद पुलिस ने आयुष शर्मा को उठा लिया।

दोस्त ने दो थप्पड़ में उगल दिया सारा राज
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक सब इंस्पेक्टर ने आयुष शर्मा को अपनी गाड़ी में ले जाकर दो थप्पड़ जड़ दिए। चांटे पड़ते ही उसने सारा राज खोल दिया। उसने बताया कि वह बाइक पर शैलू को बिठाकर घंसौर तक गया था। वहां से मनोज उर्फ पंडा बैगा, राहुल नेमा और राहुल यादव कार से शैलू को ले गए थे। उन लोगों ने ही हत्या कर शव को जलाया है।

इस जानकारी के आधार पर घंसौर में मौजूद पुलिस टीम ने तीनों को पकड़ लिया। फिर आखिर में बेटे प्रमोद को शमशान घाट से ही हिरासत में लिया गया।

बेटे ने दोस्तों के साथ रची हत्या की साजिश
पूछताछ में बेटे प्रमोद ने पुलिस बताया कि पिता उसकी पत्नी पर बुरी नीयत रखते थे। 7 दिन पहले ही उसने पिता को पत्नी के साथ देख लिया था। पत्नी से पूछने पर उसने रोते हुए बताया कि ससुर उसके साथ छेड़छाड़ करते हैं। डर की वजह से वह कुछ बोल नहीं पा रही थी।

प्रमोद की दोस्ती आरोपियों में शामिल राहुल नेमा से है। उसने राहुल नेमा और उसके ड्राइवर राहुल यादव को इस बारे में बताया। दोनों हत्या के लिए तैयार हो गए। 50 हजार रुपए में इसका सौदा तय हुआ। 15 हजार प्रमोद ने एडवांस दिए। 35 हजार रुपए वह काम होने के बाद भैंस बेचकर देने वाला था। राहुल यादव ने गांव के आयुष शर्मा और मनोज बैगा से बात की और दोनों को साजिश में शामिल कर लिया।

गांजा पिलाने के बाद गला दबाया और जला दिया
मामले का खुलासा करते हुए शुक्रवार को SP सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि साजिश के मुताबिक, आयुष शर्मा और मनोज बैगा 26 मार्च को शैलू के घर गए। उस समय शैलू खेत में थे। दोनों उनकी पत्नी रम्मू बाई से पूछकर लौट रहे थे, तभी शैलू आ गए। दोनों उन्हें गांजा पिलाने के बहाने बाइक से साथ ले गए।

घंसौर तिराहे पर राहुल नेमा अपने ड्राइवर के साथ कार में मौजूद था। तिराहे पर ही आयुष और मनोज बाइक खड़ी कर शैलू के साथ कार में सवार हो गए। रास्ते में सभी ने रस्सी से गला कसकर उसे मार डाला।

10 किमी दूर जाकर जलाई लाश
चारों आरोपी शैलू का शव लेकर घंसौर से 10 किमी दूर जबलपुर के गढ़ गोरखपुर के पास पहुंचे। यहां सड़क किनारे जंगल में सूखे पत्ते इकट्‌ठा कर शव को जला दिया। आरोपियों ने सोचा था कि दूसरा जिला होने की वजह से शव की पहचान नहीं हो पाएगी और वे बचे रहेंगे। पुलिस ने आरोपियों से बाइक, कार और दो मोबाइल जब्त किए हैं।

बेटा के मना करने पर रम्मू बाई खुद थाने पहुंचीं
पिता की हत्या की साजिश रचने वाला प्रमोद इकलौता बेटा है। शैलू के लापता होने पर मां रम्मू बाई लगातार उससे गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए बोलती रहीं। इस पर वह टालमटोल करता रहा। वह पिता को ढूंढने का भी नाटक करता रहा। आखिर में रम्मू बाई खुद 70 साल के चचेरे भाई जोधसिंह पटेल के साथ थाने पहुंची और पति की गुमशुदगी दर्ज कराई। प्रमोद को शक था कि वह गुमशुदगी दर्ज कराने जाएगा तो पुलिस को शक हो जाएगा।

प्रमोद और उसकी पत्नी दोनों की दूसरी शादी
प्रमोद और उसकी पत्नी की दूसरी शादी है। प्रमोद की पहली पत्नी किसी और के साथ चली गई थी। डेढ़ साल पहले प्रमोद ने दूसरी शादी की थी। उनकी डेढ़ माह की बेटी भी है।

मास्टरमाइंड राहुल नेमा के पिता जनपद सदस्य
पूरी घटना में 21 साल का राहुल नेमा मास्टरमाइंड निकला। उसी ने प्रमोद को पिता की हत्या के लिए उकसाया था। राहुल के पिता विनोद नेमा जनपद सदस्य हैं। उसकी गिरफ्तारी में पुलिस को काफी मुश्किल आई। राहुल जबलपुर के DPS से पढ़ा है। 8 महीने पहले उसने अपना ट्रैक्टर बेच दिया और थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। उसने हत्या और पैसों के लेन-देन से जुड़ी आरोपियों की बातचीत भी रिकॉर्ड कर ली थी। उसके मोबाइल में यह रिकॉर्डिंग मिली है। उसने अपनी कार की बजाए गांव के एक दूसरे की कार को घटना में इस्तेमाल होना बता दिया था। यह कार घटना वाले दिन बारात लेकर गई थी। पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने जेल भेज दिया है।

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