भारतीय अर्थव्यवस्था पर होगा गहरा असर
मुंबई। यूरोपीय संघ की वित्तीय बाजार नियामक संस्था, यूरोपीयन सिक्योरिटी एंड मार्केट अथॉरिटी ने (ईएसएमए)से जुड़ी 6 भारतीय संस्थाओं की मान्यता रद्द कर दी है। जिसे घरेलू बाजार के लिए बड़ा झटका लगना, तय माना जा रहा है।यूरोपीय संघ की वित्तीय संस्था द्वारा यह कदम तब उठाया, जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऑडिट करने की मांग मानने से इंकार कर दिया था। जिन 6 संस्थाओं की मान्यता रद्द की गई है। उनमें सीसीआईएल, भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड, (आईसीसीए) एनएसई क्लीयरिंग लिमिटेड, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज क्लीयरिंग, इंडिया इंटरनेशनल ट्रेडिंग कारपोरेशन और एनएसई आईएफएससी क्लीयरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड शामिल हैं। यूरोपीय संघ की वित्तीय बाजार नियामक संस्था का यह निर्णय 1 मई 2023 से लागू होगा। यूरोपीय संघ इन नियामक संस्थाओं के ऑडिट का अधिकार चाहता है। रिजर्व बैंक और भारत सरकार इसके लिए सहमत नहीं है। इसके बाद यूरोपीय संघ की नियामक संस्था ने यह कदम उठाया है।
यूरोपीय बैंकों पर इस फैसले का असर यह होगा, कि वह वित्तीय लेनदेन,सीसीआईएल के जरिए पूरे नहीं कर सकेंगे।इससे भारतीय संस्थाओं को विपक्षी लेनदेन की प्रक्रिया में भारी नुकसान होगा।
यूरोपीय संघ ने 6 भारतीय संस्थाओं की मान्यता रद्द की
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