यूपी में डेल्टा से भी घातक कप्पा वैरिएंट मिला

109 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग में 2 में कप्पा वैरिएंट की पुष्टि; इससे गोरखपुर में जून में हुई थी पहली मौत
नई दिल्ली । कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले देश में कम हो रहे हैं। कम होते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में सामने आ रहे कोरोना के कुल नए मामलों में से 32 फीसदी महाराष्ट्र और 21 फीसदी केरल से सामने आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में कोरोना के कप्पा वैरिएंट के दो मामले सामने आए हैं। अधिकारियों का कहना है कि 109 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई। इसमें इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। हालांकि, इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं। जिन लोगों में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है, उनकी ट्रेवल हिस्ट्री तलाशी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई हाईलेवल मीटिंग में अधिकारियों ने यह जानकारी दी। लखनऊ की केजीएमयू में की गई जीनोम सीक्वेंसिंग में संतकबीर नगर जिले के रहने वाले 65 साल के मरीज के सैंपल में यह वैरिएंट मिला था। उसकी जून में मौत हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 107 नमूनों में कोरोना की दूसरी लहर में सामने आए डेल्टा स्वरूप की पुष्टि हुई है। 2 सैंपल में वायरस का कप्पा वैरिएंट पाया गया। बयान में कहा गया कि दोनों ही वैरिएंट प्रदेश के लिए नए नहीं हैं।
कप्पा वैरिएंट के मामले पहले भी आ चुके हैं
इस वैरिएंट को भले डेल्टा से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा हो, लेकिन इसके बारे में पूछे जाने पर अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कप्पा स्वरूप कोई नई बात नहीं है, पहले भी इस स्वरूप के कई मामले सामने आ चुके हैं, इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है, यह कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप हैं और इससे रिकवर हो सकते हैं।
केरल जाएगी छह सदस्यीय टीम
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि केरल में जीका वायरस के हालात की मॉनिटरिंग के लिए छह सदस्यीय टीम केरल भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने सातवें वैरिएंट की पहचान की है। इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। यह 25 देशों में फैल चुका है लेकिन भारत में कोई मामला सामने नहीं आया है। वहीं, डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि पर्यटन होना चाहिए, वहां आजीविका भी होनी चाहिए लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल्स का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह ऐसा करने का सही समय नहीं है। हम इसे वहन नहीं कर पाएंगे। डॉक्टर पॉल ने कहा कि आंकड़ें ये दर्शाते हैं कि वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित है। यदि कोई गर्भवती महिला कोरोना संक्रमित होती है तो बच्चे को भी खतरा है।
लंबडा वैरिएंट से खतरा नहीं
डॉक्टर वीके पॉल ने कहा है कि भारत में लंबडा वैरिएंट से कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पेरू में फैला और अब तक देश में इसका कोई मामला नहीं मिला है।

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