यूपी ने खुद बनाई नई पहचान:पीएम

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यहां उप्र सरकार द्वारा आयोजित की गयी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि एक समय यूपी बीमारू राज्य कहलाता था। हर कोई यूपी से अपनी उम्मीदें छोड़ चुका था, लेकिन 5-6 साल में प्रदेश ने अपनी नई पहचान बनाई। डंके की चोट पर खुद को बेहतर साबित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छह साल पहले लोग कहते थे यूपी का विकास होना नामुमकिन है। यहां कानून-व्यवस्था सुधारना नामुमकिन है। आए दिन घोटाले होते थे। लेकिन, पांच-छह सालों के भीतर यूपी ने खुद को बेहतर साबित किया। अब यूपी की पहचान बेहतर कानून-व्यवस्था से होती है। अब यूपी अपनी गुड गवर्नेंस के लिए पहचाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी देश के उस इकलौते राज्य के रूप में जाना जाएगा। जहां पांच अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ यूपी में अप्रोच में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को लेकर बदलाव हुए हैं। आज यूपी एक आशा, एक उम्मीद बन चुका है। यहां बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक हर क्षेत्र में सुधार आया है। बहुत जल्द समुद्री पोर्ट से जुड़ रहा है। भारत अगर ग्रोथ इंजन, तो यूपी उसे ड्राइव कर रहा है। देश के दो डिफेंस कॉरिडोर में एक यूपी में बन रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी में क्षमताएं हैं। यूपी की आबादी करीब-करीब 25 करोड़ है। यूपी भारत का टेक्सटाइल हब है। नई वैल्यू और सप्लाई चैन विकसित करने के लिए यूपी एक नया चैंपियन बनकर उभर रहा है।
केन्द्रीय बजट की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में सोशल, डिजिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम हुआ है उसका बड़ा लाभ यूपी को भी मिला है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बजट में हमने 35 हजार करोड़ रुपये सिर्फ ‘एनर्जी ट्रांजिशन’ के लिए रखे हैं। यह दिखाता है कि हमारा इरादा क्या है। आज इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार रिकॉर्ड खर्च कर रही है। हम हर साल इसको बढ़ा रहे हैं। ग्रीन ग्रोथ के जिस रास्ते पर भारत चल पड़ा है उस पर मैं आपको विशेष रूप से आमंत्रित करता हूं। उन्होंने कहा कि आज हमारा फोकस छोटे किसानों को ज्यादा साधन देने और उनकी ‘इनपुट कॉस्ट’ घटाने पर है। इसलिए हम जैविक खेती को प्रोत्साहन दे रहे हैं। एक नया अभियान मिलेट्स को लेकर भी शुरू किया गया है। विश्व बाजार में मोटे अनाज की पहचान बने, इसके लिए हमने इसको ’श्री अन्न’ का नाम दिया है। यह एक सुपर फूड है। एक तरफ जहां हम किसानों को मोटे अनाज के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसके लिए ग्लोबल मार्केट भी तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत के कुल मोबाइल उत्पादन में से 60 फीसदी से अधिक यूपी में होता है। यहां फिशरी, डेयरी और फूड प्रोसेसिंग को लेकर भी अनंत संभावनाएं हैं। यूपी में डेयरी, एग्रीकल्चर, फ़ूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में बहुत संभावनाएं है। इन क्षेत्रों में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी बहुत सीमित है। फूड प्रोसेसिंग में हम एक योजना लाये है, जिसका आपको लाभ उठाना चाहिए।
वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि छद्म समाजवाद ने भारत के औद्योगीकरण को नुकसान पहुंचाया। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी आगन्तुकों को स्वागत करते हुए अवगत कराया कि इन्वेस्टर्स समिट में अब तक 32 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं। उल्लेखनीय है कि उप्र की योगी सरकार द्वारा आज 10 फरवरी से 12 फरवरी यानी तीन दिन तक चलने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का राजधानी लखनऊ में आयोजन किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि यह देश की सबसे बड़ी समिट है। इसमें 16 देश की 340 कंपनियां शामिल हुई हैं। समिट के शुरू होने से पहले अब तक 27 लाख करोड़ के निवेश से जुड़े एमओयू साइन हो चुके हैं। समिट में गूगल, एप्पल, रोल्स रॉयस, सुजुकी, वॉलमार्ट, अमेजन, जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर, मर्क, मर्सिडीज, लॉरेल और फिलिप्स समेत कंपनियां शामिल होंगी। इनके जरिए चार लाख करोड़ के विदेशी निवेश का टारगेट है। विदेशी निवेश के लिए 20 सेक्टरों की निवेश नीतियां बनाई गई हैं। समिट में सबसे ज्यादा अमेरिका की 53 कंपनियां शामिल हो रही हैं। इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात की 16, फ्रांस-दक्षिण अफ्रीका की 13-13, जापान की 12 कंपनी, दक्षिण कोरिया की 10, कनाडा की 7, नीदरलैंड की 12, जर्मनी की 15, बेल्जियम की 10, स्वीडन और मॉरीशस की 8-8, ब्राजील की 14, मेक्सिको की 9, आस्ट्रेलिया की 15, इजराइल की 14 कंपनी शामिल हो रहीं हैं।

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