नई दिल्ली। रूस के हमले के बीच यूक्रेन ने लगातार भारत से अपील की है कि वह इस संघर्ष को रोकने में अपनी भूमिका अदा करे। हालांकि, अभी तक भारत की ओर जारी बयानों में रूस के हमले का ना ही जिक्र किया गया है और ना ही उसके किसी कदम की आलोचना हुइ है। यूक्रेन के राजदूत ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई पर भारत के रुख को लेकर यूक्रेन बेहद असंतुष्ट है। यूक्रेन ने कहा कि उन्हें इस संकट की स्थिति में भारत से ज्यादा मदद की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट में दखल देने को लेकर किसी भी और देश की तुलना में भारत ज्यादा बेहतर स्थिति में है। भारत की रूस के साथ खास और रणनीतिक साझेदारी रही है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि पुतिन कितने नेताओं की सुनने वाले हैं, लेकिन मोदी जी के कद को देखकर मुझे ये उम्मीद है, कि वह अगर मजबूती से अपनी बात रखें, तब पुतिन कम से कम एक बार जरूर सोच सकते हैं।
रूस के हमले के कुछ घंटों के बाद ही भारत में यूक्रेन के राजदूत आइगर पोलिखा ने भारत से सैन्य कार्रवाई के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाने की अपील की थी। यूक्रेनी राजदूत की अपील के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी पुतिन से बातचीत की। भारत के विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला से पूछा गया, कि क्या यूक्रेन के राजदूत की अपील को देखकर ये बातचीत हुई, तब उन्होंने कहा, भारत का बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है, इस संघर्ष को लेकर हमारी अपनी चिंताएं भी हैं। हमारे नागरिक वहां पर हैं, और आर्थिक रूप से भी काफी कुछ दांव पर है। पुतिन और पीएम मोदी की बातचीत के बाद पीएमओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया, भारत का मत है कि रूस और नॉटो के बीच सभी मतभेदों का समाधान बातचीत के जरिए ही किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, मोदी ने पुतिन के साथ हुई बातचीत में यूक्रेन में भारतीयों की सुरक्षित वापसी का भी मुद्दा उठाया। श्रृंगला ने कहा कि यूक्रेन ने भारत के रुख को लेकर किसी भी तरह से निराशा जाहिर नहीं की है।
यूक्रेन विवाद पर भारत के रुख पर दुखी हुए यूक्रेन के राजदूत
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