यूक्रेन मे रूसी बमबारी से भारतीय छात्र की मौत

भोजन लाने निकला था नवीन, रूस-यूक्रेन के राजदूत हुए तलब

नई दिल्ली । यूक्रेन में रूस के आक्रमण छठवें दिन भी लगातार जारी है। यहां के खारकीव शहर में एक हवाई हमले में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी है। मंगलवार को रूसी हमले में मारे गए भारतीय छात्र का नाम नवीन है। वह कर्नाटक का रहने वाला था। आज सुबह से रूस ने यूक्रेन के सभी बड़े शहरों में हमले तेज कर दिए हैं। कीव की तरफ रूसी सेना का बड़ा काफिला तेजी से बढ़ रहा है। अरिंदम बागची ने कहा कि यह बताते हुए मुझे बड़ा दुख है कि खारकीव में जो हवाई हमले हो रहे हैं, उसमें एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है। फिलहाल मंत्रालय छात्र के परिवार के साथ संपर्क में है। परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। घटना को लेकर भारतीय दूतावास ने यूक्रेन और रूस के राजनायिकों को तलब किया है। बागची ने आगे जानकारी दी है कि भारतीय विदेश सचिव रूस और यूक्रेन के राजदूतों से संपर्क में हैं। इसमें यह मांग उठाई गई है कि भारतीय छात्रों और नागरिकों को निकलने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया जाए क्योंकि कई छात्र अभी खारकीव और अन्य शहरों में फंसे हुए हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में बिगड़ती स्थिति के बीच आज ही भारतीय दूतावास ने सख्त एडवाइजरी जारी की थी। इसमें कहा गया था कि सभी भारतीय नागरिक और छात्र कीव को जल्द से जल्द छोड़ दें। एडवाइजरी में लिखा था कि कीव छोड़ने के लिए जो साधन उनको मिले उसे तुरंत पकड़कर वे निकल लें। इसमें ट्रेन, बस आदि से ट्रैवल करने की सलाह दी गई थी। बता दें कि यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय लोग मौजूद थे, जिनमें से ज्यादातर वहां मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे। इनमें से चार हजार से ज्यादा लोग वापस भारत आ चुके हैं, बाकियों को निकाला जा रहा है। मोदी सरकार ने इसके लिए ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की है।

भारत पहुंचे 182 छात्र

बता दें कि ऑपरेशन गंगा की आठवीं फ्लाइट बुडापेस्ट (हंगरी) से दिल्ली के लिए मंगलवार को ही रवाना हुई है। इससे पहले आज यूक्रेन से एक फ्लाइट 182 भारतीय छात्र को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची थी। भारतीयों को फिलहाल यूक्रेन के पड़ोसी देशों की मदद से उनकी सीमओं के रास्ते निकाला जा रहा है। सोमवार को मोदी सरकार ने इस काम को और तेजी से करने के लिए चार मंत्रियों को जिम्मेदारी दी थी। इसमें किरेन रिजिजू स्लोवाकिया जा रहे हैं। इसके अलावा वीके सिंह पोलैंड जाएंगे। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोलदोवा जाएंगे। इसके अलावा हरदीप सिंह पुरी हंगरी रवाना होंगे। सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय नागरिकों को निकालने का काम और तेजी से होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायु सेना को भी इस ऑपरेशन से जुड़ने के लिए कहा है। वायु सेना के हवाई जहाजों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी, और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी। साथ ही साथ, भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी और तेजी से पहुंचेगी। भारतीय वायु सेना के कई सी-17 विमान आज ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान शुरू कर सकते हैं।

पीएम ने की छात्र के पिता से बात
युद्धग्रस्त यूक्रेन में बमबारी में भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत हो गई है। भारतीय छात्र की मौत से देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के पिता से आज बात की। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मृतक छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के पिता से बात की। प्रधानमंत्री ने भारतीय छात्र की मौत के बाद परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने ट्वीट के जरिये छात्र की मौत की पुष्टि की थी। मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘अत्यंत दुख के साथ हम पुष्टि करते हैं कि आज सुबह खारकीव में गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई।’ मंत्रालय ने कहा कि वह छात्र के परिवार के संपर्क में है। इसने कहा, ‘हम परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। इस त्रासदी का पता चलने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी मृतक भारतीय छात्र के पिता ज्ञानगौदर को फोन किया और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
बोम्मई ने ज्ञानगौदर को आश्वस्त किया कि वह उनके बेटे की पार्थिव देह को भारत वापस लाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री ने उन्हें यह भी बताया कि वह विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में हैं।

युवा कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
भारतीय युवा कांग्रेस ने मंगलवार को यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस निकालने की मांग को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी जी ने कहा कि जिंदगी और मौत के बीच हज़ारों भारतीयों को ‘सहायता’ की बजाय केवल ‘आत्मनिर्भर सलाह’ दे रही है मोदी सरकार। बीते 5 दिनों से युक्रेन में मोदी सरकार हज़ारों बच्चों को बस यहाँ से वहाँ भगा रही है। मोदी जी ने हर समस्या का समाधान चुप्पी में ढूंढ लिया है। अनियोजित लॉकडाउन के द्वारा जब प्रवासियों को सड़कों पर लाया गया, उन पर ज्यादती की गई फिर भी मोदी जी चुप रहे और अब जब यूक्रेन में फंसे छात्रों पर ज्यादती की जा रही है तब भी वह चुप हैं, आखिर क्यों?

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