सजा पर रोक लगाने की मांग की, राहुल ने 2019 में मोदी सरनेम को लेकर दिया था बयान
नई दिल्ली। मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा पर रोक के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को कांग्रेस के पूर्व सांसद को सजा सुनाई थी। फैसले के खिलाफ राहुल के वकील गुजरात हाईकोर्ट गए थे, जहां 7 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।हाईकोर्ट ने कहा था कि इस केस के अलावा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा था कि हम अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हालांकि, सेशन कोर्ट के फैसले के 27 मिनट बाद राहुल को जमानत मिल गई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को राहुल की सांसदी चली गई थी। उन्हें कुछ दिनों बाद अपना सरकारी बंगला तक खाली करना पड़ा था। राहुल की संसद सदस्यता 24 मार्च को दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी थी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था।
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
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