उसे हमारी जमीन दे दी; केंद्र का जवाब- हमने कोई जमीन नहीं छोड़ी
भारतीय टैरेटरी फिंगर-4 तक नहीं
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह दावा पूरी तरह गलत है कि भारतीय इलाका फिंगर 4 तक है। भारत की सीमा नक्शे में दिखाए मुताबिक है। इसमें 43000 वर्ग किमी का वो इलाका भी शामिल है, जिस पर 1962 से चीन का गैर कानूनी कब्जा है। यहां तक कि भारत के हिसाब से LAC भी फिंगर 8 तक है, न कि फिंगर 4 तक। यही कारण है कि भारत ने फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने के अधिकार को बनाए रखा है। इधर, गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने सोशल मीडिया के जरिए राहुल पर पलटवार किया। रेड्डी ने सवाल किया कि चीन को जमीन किसने दी? नेहरू से पूछिए।
डेपसांग के बारे में रक्षा मंत्री ने एक शब्द नहीं बोला
राहुल ने आगे कहा, चीन की सेना स्ट्रैटेजिक एरिया डेपसांग से अंदर आई है। अभी भी वहां चीनी सेना मौजूद है। उसके बारे में डिफेंस मिनिस्टर ने सदन में एक शब्द नहीं बोला। भारत की सरकार हमारी पवित्र जमीन चीन को दे रही है। प्रधानमंत्री मोदी हमारी सेना का अपमान कर रहे हैं। वह हमारी सेना के बलिदान को धोखा दे रहे हैं। भारत में किसी को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सेना तैयार है, लेकिन मोदी नहीं
राहुल ने कहा, चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमारी सेना के जवान हर रिस्क लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ऐसा नहीं होने दे रहे। प्रधानमंत्री 100% डरपोक हैं। दिक्कत यही है कि हमारी आर्मी, एयरफोर्स और नेवी चीन से मुकाबले के लिए तैयार है, लेकिन प्रधानमंत्री तैयार नहीं हैं।
राहुल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर भी निशाना साधा। कहा कि वो सदन में कहते हैं कि दोनों देशों की सेना पीछे हट रही हैं। ये हमारी बड़ी कामयाबी है। लेकिन मैं इसे असफलता मानता हूं। घर हमारा है। वो (चीन) बिना इजाजत के हमारे घर में घुस आए और हमने उन्हें खदेड़ने की बजाय अपना लिविंग और बेडरूम पकड़ा दिया। ये हमारी कैसी सफलता है? हमने उनको अपना घर दे दिया। ये चीन की सफलता है।
रक्षा मंत्री ने कहा था, एक इंच जमीन भी नहीं लेने देंगे
गुरुवार सुबह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा और लोकसभा में लद्दाख के हालात पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अब चीन के साथ समझौता हो गया है। लद्दाख की पैंगॉन्ग लेक के उत्तरी इलाके से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटना शुरू हो गई हैं। रक्षा मंत्री ने यह दावा भी किया था कि हम किसी भी देश को अपनी एक इंच जमीन भी नहीं लेने देंगे। इसके बाद शाम 5 बजे रक्षा मंत्री ने लोकसभा में भी चीन से हुए समझौते की जानकारी दी। साथ ही कहा कि दोनों सेनाओं की बख्तरबंद गाड़ियां अपने-अपने परमानेंट बेस पर लौट चुकी हैं।