मोदी कैबिनेट ने टेलीकॉम सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई को दी मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को राहत देना है। इन कंपनियों को हजारों करोड़ का पिछला वैधानिक बकाया चुकाना है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश (एफडीआई) को भी मंजूरी दी गई। बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने नौ संरचनात्मक सुधारों को मंजूरी दी है। स्पेक्ट्रम प्रयोगकर्ता शुल्क को सुसंगत किया गया है।प्रस्तावित राहत उपायों में बकाया चुकाने में मोहलत देना, एजीआर को फिर से परिभाषित करना और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क में कटौती शामिल हैं, जिसके जरिए इस क्षेत्र में सुधार किए जा सकते हैं। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) परिभाषा को युक्तिसंगत बनाया है, दूसंचार कंपनियों की गैर-दूरसंचार आय को कानूनी शुल्कों के भुगतान से अलग किया गया है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने दूरसंचार कंपनियों को बकाये के भुगतान को लेकर चार साल की मोहलत दी, दूरसंचार कंपनियां मोहलत अवधि के दौरान ब्याज का भुगतान करेंगी। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में होगी। सरकार ने ऑटो, ड्रोन क्षेत्रों के लिए 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को भी मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो, ऑटो कलपुर्जा और ड्रोन उद्योग के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी।पीएलआई योजना भारत में उन्नत ऑटोमोटिव तकनीक की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विकास को प्रोत्साहित करेगी। इस कदम से 7.6 लाख से अधिक लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने का अनुमान है।उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत पांच वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश होगा और 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का उत्पादन होगा।

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