मेले पर प्रतिबंध के विरोध मे धरने पर युवराज

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बांधवगढ़ मे श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक से नाराज
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले मेले पर प्रतिबंध से नाराज पूर्व रीवा रियासत के युवराज एवं विधायक दिव्यराज सिंह धरने पर बैठ गये हैं। उनका कहना है कि जिला प्रशासन तथा पार्क प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों से बचने के फेर मे सालों पुरानी परंपरा और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था पर ठेस पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। यदि वे चाहते तो मेले का आयोजन बिना किसी दिक्कत के हो सकता था, परंतु अधिकारियों की इच्छाशक्ति का आभाव इसमे आडे आ रहा है। उनका यह रवैया नकेवल निंदनीय है बल्कि क्षेत्र केे लाखों लोगों की भावनाओं के सांथ खिलवाड़ है।
चर्चा के बाद भी नहीं बनी बात
इससे पूर्व युवराज दिव्यराज सिंह ने इस विषय पर उमरिया मे कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से चर्चा की थी। दोबारा उनकी ताला मे प्रशासन और पार्क के अधिकारयों के सांथ बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक युवराज ने अधिकारियों से उद्यान के अंदर की परिस्थिति और किले तक जाने वाले मार्ग का मुआयना कराने की मांग की, परंतु ऐसा नहीं किया गया, तो बात बिगड़ गई। अधिकारियों के अडिय़ल रवैये के खिलाफ दिव्यराज धरने पर बैठ गये। ताजा समाचार मिलने तक वे सैकड़ों क्षेत्रवासियों के सांथ वहीं पर डंटे हुए हैं।
यह बताई प्रतिबंध की वजह
उल्लेखनीय है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हर वर्ष बांधवगढ़ मे मेले का आयोजन होता आया है। इस अवसर पर उमरिया सहित आसपास के जिलों से लाखों की तादाद मे श्रद्धालु बांधवगढ़ किले पर स्थित रामजानकी मंदिर मे भगवान बांधवाधीश की पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं। पहले यह मेला तीन दिनो तक भरता था, धीरे-धीरे इसे सीमित कर दिया गया। इस बार पार्क प्रबंधन और प्रशासन ने इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का फैंसला किया है। उनका कहना है कि किले के आसपास तथा रास्ते मे दर्जन भर जगली हाथियों का मूवमेंट बना हुआ है। जिससे यह आयोजन संभव नहीं है।
लोगों की भावनाओं का हो आदर
वहीं युवराज दिव्यराज ने बताया कि बांधवगढ़ किले पर कभी तहसील सहित कई शासकीय कार्यालय संचालित होते थे। जब यहां नेशनल पार्क और टाईगर रिजर्व विकसित करने का निर्णय हुआ, उसी समय सरकार के सांथ रामनवमी तथा जन्माष्टमी पर पार्क श्रद्धालुओं के लिये निशुल्क खोलने और जरूरी व्यवस्थायें करने का करार हुआ था। सभी को उस करार का पालन तथा लोगों की भवनाओं का आदर करना चाहिये।
परंपरा को नष्ट करने का कुचक्र
उन्होने कहा कि देश मे बाबा अमरनाथ, माता वैष्णो देवी सहित कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जहां अनेकों खतरों के बवजूद सरकार यात्राओं को संचालित करती है, फिर बांधवाधीश मंदिर मे मात्र एक दिन के लिये होने वाले मेले के आयोजन पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है। उन्होने कहा कि अधिकारी एक महान परंपरा को नष्ट करने का कुचक्र रच रहे हैं, इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

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