मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप

पीड़ित पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार
शहडोल /सोनू खान। संभागीय मुख्यालय का मेडिकल कॉलेज एक बार फिर आरोपों के घेरे में है। गीता शुक्ला पत्नी स्व. श्यामनारायण शुक्ला निवासी मघई मंदिर सुभाष वार्ड कटनी द्वारा बुधवार को एक शिकायत पुलिस अधीक्षक शहडोल को सौंपी गई है जिसमें श्रीमती शुक्ला ने आरोप लगाया कि उनके पति की मृत्यु मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से हुई है। उनका कहना है कि मेरे पति पाली-नौरोजाबाद में कोल माईंस में कार्यरत थे। 4 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से शहडोल मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में मेरे पति को वेंटिलेटर पर रखने की सलाह चिकित्सकों द्वारा दी गई। श्रीमती शुक्ला ने शिकायत पत्र में लेख किया है कि 4 अप्रैल को जब उनके पति को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था तब उनका स्वास्थ्य सामान्य स्थिति से परिवर्तित होने व वायरस के तेजी से फैलने से रोकने लिये हमने ड्यूटी डॉक्टर को स्वास्थ्य बिगडऩे की जानकारी दी। तब चिकित्सकों द्वारा रेमडेशिविर इंजेक्सन तत्काल लाने की लिये कहा गया। जिस पर प्रार्थिया द्वारा 5 अप्रैल यानी दूसरे दिन 2 नग रेमडेशिविर को लाकर दिया गया। तत्पश्चात प्रार्थिया द्वारा चिकित्सकों से यह भी आग्रह किया गया कि इंजेक्सन उनके समक्ष ही लगाया जाये। इस पर ड्यिूटी पर उपस्थिति चिकित्सक द्वारा उनके साथ चिल्लाते हुये उन्हें वहां से भगा दिया गया।
श्रीमती शुक्ला ने लेख किया है कि जब मेरे पति मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे तो उनके साथ मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ द्वारा अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता रहा। जब भी उनके द्वारा मॉस्क उतारने और शुद्ध हवा लेने की बात कही जाती तो जबरजस्ती आक्सीजन मास्क लगा दिया जाता और मेरे पति की हालत निरंतर बिगड़ती चली गई। इस पर श्रीमती शुक्ला ने आरोप लगाया है कि ड्यिूटी डॉक्टरों और कर्मचारियों के द्वारा पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण मेरे पति के साथ अनुचित व्यवहार हुआ और अंतत: उनकी आक्सीजन के पर्याप्त उपलब्ध न होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। उनका कहना था कि मेरे पति के साथ मेरे दो भाई भी उनकी देखरेख के लिये मौजूद थे। श्रीमती शुक्ला ने आरोप लगाया है कि आक्सीजन की कमी होने की जानकारी यदि मेरे दोनो भाईयों को दी जाती तो यथा संभव वे ऑक्सीजन की व्यवस्था करने या फिर वे अपने पति को अन्यंत्र कहीं बेहतर इलाज के लिये ले जाते, जिससे उनकी मृत्यु नहीं होती। श्रीमती शुक्ला ने शिकायत पत्र में लेख किया है कि इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के डीन से मेरे पति के इलाज के संबंध में बात की गई, जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि आपके पति का इलाज अच्छे से किया जा रहा है ऐसे में कहीं और शिफ्ट करने की आवश्यकता नहीं है। किंतु डीन द्वारा उस समय भी मेरे देवर को आक्सीजन की कमी होने की कोई जानकारी नहीं दी गई।  उन्होने बताया कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा 17, 18 अपै्रल को ड्यिूटी में कार्यरत रहे मेडिकल स्टॉफ द्वारा हमें आक्सीजन के कमी की कोई सूचना नहीं दी गई तथा 18 अप्रैल की प्रात: मेरे पति का देहांत हो गया। श्रीमती शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक से मेडिकल कॉलेज शहडोल में पदस्थ  डॉक्टर एवं स्टॉफ के विरूद्ध जाँच कर सभी आरोपीगणों के विरूद्ध मेरे पति की षडयंत्रपूर्वक  हत्या किये जाने के आरोप में प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही किये जाने की अपील की है। उक्त संबंध में पीडि़ता ने थाना प्रभारी शहडोल को भी एक शिकायत पत्र सौंपते हुये उनसे भी न्याय की गुहार लगाई है।
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