मेंटीनेन्स रीवा मे, ट्रेन बंद हुई जबलपुर की
रेलवे की बहानेबाजी से हलाकान यात्री, क्षेत्र का नहीं कोई धनी-धोरी
बांधवभूमि, उमरिया
ट्रेनो की लेटलतीफी, स्टापेज समेत कई समस्याओं से जूझ रहे यात्रियों के लिये मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब रेलवे ने उमरिया तथा कटनी होकर निकलने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनो को करीब 4 हफ्तों के लिये रद्द करने का फरमान जारी किया है। इनमे जबलपुर-अंबिकापुर, बिलासपुर-रीवा तथा चिरीमिरी रीवा सहित रीवा से नागपुर, भोपाल तथा अन्य स्थानो के बीच चलने वाली कई अत्यंत आवश्यक गाडिय़ां शामिल हैं। मजे की बात यह है कि इनको स्थगित करने के पीछे रीवा मे नई रेल लाईन की कमिश्निंग, प्लेटफार्म तथा पिट लाईन कनेक्टिविटी आदि कार्यो को कारण बताया गया है। सवाल उठता है कि जब काम रीवा मे चल रहा है तो जबलपुर-अंबिकापुर को क्यों बंद किया जा रहा है। जो उमरिया-कटनी हो कर जबलपुर पहुंचती है।
असली मकसद उद्योगपतियों की माल निकासी
यात्रियों का कहना है कि यदि रीवा मे ऐसा काम हो भी रहा है, जिसके कारण 23 दिनो तक गाडिय़ों को बंद करना जरूरी है, तो सतना तक इनका संचालन करने मे क्या दिक्कत है। उनका आरोप है कि कमिश्निंग और इंटरलॉकिंग दरअसल एक बहाना है। विभाग का असली मकसद उद्योगपतियों के माल निकासी के लिये रास्ता साफ करना है, चाहे इसके कारण जनता को कितना ही प्रताडि़त क्यों न होना पड़े।
त्यौहारों के सीजन मे होगी फजीहत
गौरतलब है कि सावन के अलावा अगस्त के महीने मे नागपंचमी, रक्षाबंधन, कजलैयां जैसे कई महत्वपूर्ण तीज-त्र्यौहार भी हैं, जिनमे भाई-बहनो के अलावा बड़ी संख्या मे लोग दूर-देश से अपने सगे-संबंधियों से मिलने आते हैं। ट्रेनो की निरस्तगी से उनकी फजीहत होना तय है। दूसरी ओर इतवारी-रीवा ट्रेन शहडोल संभाग के मरीजों को नागपुर ले जाने का मुख्य साधन है। इतने लंबे अंतराल के लिये ट्रेन बंद होने से उन्हे भी कई तरह की अड़चनो का सामना करना पड़ेगा।
स्थगित रहेंगी ये ट्रेने
बताया गया है कि बीती 2 तारीख से गाड़ी संख्या 18247 बिलासपुर-रीवा तथा 3 अगस्त से 18247 रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस बंद हो चुकी है। ये गाडिय़ां क्रमश: 24 और 25 तक रद्द रहेंगी। इसी तरह गत 4 से 25 अगस्त तक गाड़ी संख्या 11751 रीवा-चिरमिरी, 5 से 26 अगस्त तक गाड़ी संख्या 11752 चिरमिरी-रीवा और 12 से 26 अगस्त तक गाड़ी संख्या 11265-11266 जबलपुर-अंबिकापुर-जबलपुर रद्द रहेगी। वहीं रीवा से नागपुर और भोपाल सहित कटनी हो कर गुजरने वाली दर्जनो ट्रेनो को भी स्थगित किया गया है।
कौन उठाये जनता की आवाज
यूं तो रेलवे की मनमानी से देश भर मे असंतोष का माहौल है, परंतु शहडोल संभाग की जनता पर उसकी विशेष कृपा रहती है। जहां के जिला मुख्यालय, पर्यटन तथा धार्मिक महत्व के स्टेशनो पर भी ट्रेनो का स्टापेज नहीं दिया जा रहा है। वहीं बिलासपुर मंडल की गाडिय़ों को न्यू कटनी मे घंटों रोक पर तबाह करना अलग। करोड़ों रूपये हर महीने राजस्व देने वाले इस क्षेत्र के सांथ हो रहे अन्याय की मुख्य वजह यहां के नकारा जनप्रतिनिधि हैं। जो जनता से वोट तो ले लेते हैं, पर उनके लिये आवाज उठाने मे मुंह पर दही जम जाती है।