घुटनों पर बैठकर CM बोले- लाडली बहना सेना भी बनाएंगे, मेरी बहनें दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती
भोपाल। मध्यप्रदेश में आज से मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की शुरुआत हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के जंबूरी मैदान में रिमोट के जरिए योजना लॉन्च की। रिमोट से ही योजना का थीम सॉन्ग भी लॉन्च किया। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए दिए जाएंगे। 25 मार्च से 20 अप्रैल तक फॉर्म भरे जाएंगे।स्पीच के दौरान मुख्यमंत्री घुटनों के बल बैठ गए। महिलाओं को प्रणाम करते हुए कहा- अभी तक मैं बेटियों की पूजा करता था। लेकिन, बहनों में भी मैं मां दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती को देखता हूं। बहनों की सेवा कर मेरा मुख्यमंत्री बनना और मानव जीवन सफल और सार्थक हो गया। सीएम ने घोषणा करते हुए कहा- एक लाडली बहना सेना भी बनाएंगे। गड़बड़ करने वालों को ठीक कर देंगे।इससे पहले मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथ से योजना का पहला फॉर्म भोपाल की रसूली बेलदार की कविता मस्तेरिया का भरा। सीएम जब कविता से पूछ रहे थे कि आपके परिवार से कोई विधायक-सांसद तो नहीं है, इस पर कविता बोलीं – आप हैं न…। सीएम हंस दिए।
बेटियों के जन्म पर उतरी सूरतें देख तकलीफ होती थी
मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे यहां बहन-बेटियों को दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती मानते हैं। विष्णुजी से पहले लक्ष्मीजी का नाम लेते हैं, राम के नाम से पहले सीता का नाम लेते हैं। लेकिन, अंग्रेजों के शासन में हमारी बहनें धीरे-धीरे कई भेदभाव का शिकार हो गईं। मैंने अपने गांव, घर, परिवार में देखा कि बेटा अगर जन्म ले तो स्वागत किया जाए। हवाई फायर किए जाएं। बेटी अगर आ गई तो मां की सूरत भी उतर जाती थी। जब मैं यह देखता था तो तकलीफ होती थी। कहता था कि हे भगवान, ये अन्याय क्यों?
जब बूढ़ी मां मुझसे बोलीं- शादी का इंतजाम तू कराएगा
मैं कई जगह यह बात करता था कि बेटा-बेटी बराबर हैं। एक जगह जब मैं भाषण दे रहा था तो बूढ़ी मां खड़ी हो गईं। बोलीं- बेटी आ गई और बढ़ी हो गई तो शादी का इंतजाम तू करवाएगा? उसी समय मैंने तय किया कि सिर्फ भाषण से काम नहीं चलेगा। उस समय मैं विधायक बना तो गरीब बेटियों की शादी साथियों के सहयोग से करवाना शुरू किया। जब मैं मुख्यमंत्री बना तो पहली योजना कन्या विवाह योजना बनाई।
कमलनाथ पर तंज, योजनाएं बंद करने वाले हितैषी नहीं
मुझे लगा कि कन्या विवाह योजना से काम नहीं चलेगा। इसलिए तय किया कि बेटी लखपति पैदा हो। अफसरों को कहा, तो बोले- ये कैसे होगा? मैंने कहा- मामा मुख्यमंत्री है। बेटियों को तो लखपति बनाएंगे ही। इसलिए लाडली लक्ष्मी योजना बनाई। ऐसे तमाम योजनाएं हम लाए। कमलनाथ की सरकार आई तो ऐसी कई योजनाओं को बंद कर दिया। बंद करने वाले हितैषी नहीं हैं।एक दिन मैं रात भर जागा। सुबह 4 बजे मैंने पत्नी को जगाया। कहा- एक योजना मेरे दिमाग में आई है। सभी बहनें मुझे भाई मानती हैं। मैं भी तो अपनी बहनों को कुछ दूं। साल में एक बार पैसा देने से काम नहीं चलेगा। हर महीने पैसा देंगे, तो बहनों की समस्या का समाधान होगा। वे इज्जत से जी सकेंगी। इसी विचार से बनी मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना। यह योजना नहीं, बहनों की जिंदगी बचाने का महाभियान है।
कोई दलाली करे तो फोन कर देना, हथकड़ी लगवा देंगे
योजना में एक पैसा नहीं लगेगा। न तो मूल निवास लगेगा, न आय प्रमाणपत्र। कोई दलाली करे तो 181 पर फोन कर देना। हथकड़ी लगवाकर जेल भिजवा दूंगा। फॉर्म भरने के लिए गांव, वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे। इसकी सूचना दी जाएगी। एक दिन में 30 आवेदन भरे जाएंगे। जब तक पूरे फॉर्म नहीं भरे जाएंगे, तब तक शिविर लगा रहेगा। भागादौड़ी मत करना। 25 मार्च से आवेदन भरना शुरू होंगे। 20 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। जरूरत पड़ी तो तारीख और आगे बढ़ा दी जाएगी। मई में आवेदनों की जांच करेंगे। जून में खातों में पहली किस्त आ जाएगी।हमने शराब दुकानों संग खुले अहातों को बंद करा दिया। बहनों को परेशान करने वाला कोई काम नहीं करने दूंगा। किसी ने दुराचार किया तो सीधा फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। बहनों की सेवा कर मेरी जिंदगी सफल हो गई। मेरा मुख्यमंत्री बनना सफल हो गया।
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