मानपुर से चौथी बार सुश्री मीना सिंह को टिकट

मानपुर से चौथी बार सुश्री मीना सिंह को टिकट

भाजपा ने घोषित किये संभाग के 4 और प्रत्याशी, बांधवगढ़,  ब्यौहारी पर सस्पेंस बरकरार

बांधवभूमि, मध्यप्रदेश

उमरिया
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश सहित 5 राज्यों में चुनाव के तारीखों की घोषणा करने के साथ ही भाजपा ने प्रत्याशियों की एक और सूची जारी कर दी है। इसमें संभाग के चार और प्रत्याशियों के नाम हैं। पार्टी ने सारे कयासों और चर्चाओं पर विराम लगाते हुए जहां जिले की मानपुर सीट पर फिर से सुश्री मीना सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं 2020 मे कांग्रेस से भाजपा में आकर चुनाव जीतने वाले बिसाहूलाल सिंह को दोबारा टिकट दे दिया है। जबकि जैतपुर विधायक मनीषा सिंह को इस बार जयसिंहनगर तथा यहां के विधायक जयसिंह मरावी को जैतपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। इस तरह से संभाग की 8 में से 6 पर भाजपा के प्रत्याशी घोषित किये जा चुके हैं। शेष बची दो सीटों में बांधवगढ़ और ब्यौहारी शामिल हैं।

जिला मुख्यालय की सीट क्यों फंसी
भाजपा की चौथी सूची में मानपुर का प्रत्याशी घोषित होने के बाद बांधवगढ़ को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। गौरतलब है कि परिसीमन के उपरांत बनी बांधवगढ़ सीट पर वर्ष 2008 से ही भाजपा का कब्जा है। 2008 और 2013 मे ज्ञान सिंह चुनाव जीते। 2016 मे दलपत सिंह परस्ते की मृत्यु के बाद हुए लोकसभा उप चुनाव में ज्ञान सिंह के सांसद बनने के कारण यहां भी उपचुनाव हुआ जिसमें उनके पुत्र शिवनारायण सिंह पहली मर्तबा विधायक निर्वाचित हुए।साल 2018 के विधानसभा आम चुनाव मे सिंह को कांग्रेस से काफी कड़ी टक्कर मिली और वे करीब 3500 के मामूली अंतर से चुनाव जीत पाए। जानकारों का मानना है कि पार्टी इसी वजह से बांधवगढ़ सीट को लेकर दुविधा में है।

किस “ज्ञान” की खुलेगी किस्मत
इसके साथ ही बांधवगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवारी पर चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो गया है। सूत्रों का अनुमान है कि पार्टी इस सीट पर किसी नए चेहरे को मौका दे सकती है। इनमे सबसे ज्यादा विमर्श जिन दो नामो पर हो रहा उनमे दोनों ही ज्ञान हैं। अर्थात एक जिले के कद्दावर आदिवासी नेता, पूर्व सांसद, मंत्री तथा वर्तमान विधायक शिवनारायण सिंह के पिता ज्ञान सिंह हैं और दूसरी ज्ञानवती सिंह, जिन्होंने सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थाम लिया था। जानकारों का दावा है कि ज्ञानवती को महाराज के साथ जिला संगठन का भी समर्थन हांसिल है।

नहीं मिला “दीदी” का तोड़
जिले की मानपुर विधानसभा सीट पर शासन की जन जातीय कार्यमंत्री सुश्री मीना सिंह चौथी बार किस्मत आजमाएंगी। पिछले कई दिनों से यहां पर भी उम्मीदवार बदलने की अटकलें तेज थीं, परंतु ऐसा नहीं हुआ। राजनैतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि पार्टी को मानपुर से कोई भी ऐसा चेहरा नहीं मिला जो चुनाव मे अपना परचम लहरा पाने में सक्षम हो। वैसे भी सुश्री सिंह इन्हीं परिस्थितियों मे पिछले तीन बार से चुनाव जीतती चली आ रही हैं। लिहाजा यहां यथास्थिति को सही विकल्प माना गया।

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