मातेश्वरी की भक्ति से सराबोर श्रद्धालु  

मातेश्वरी की भक्ति से सराबोर श्रद्धालु  

शारदेय नवरात्र की पंचमी आज, जिले भर मे होगी स्कंद माता की अर्चना  

बांधवभूमि, मध्यप्रदेश

उमरिया
नवरात्र पर्व पर मां जगदम्बा की भक्ति समूचा जिला सराबोर है। देवी मंदिरों मे भक्ति गीतों की स्वर लहरियां गूंज रही हैं। आज गुरूवार को शारदेय नवरात्र की पंचमी तिथि है। इस अवसर पर मां के पांचवे स्वरूप स्कंद माता का पूजन किया जायेगा। इस दिन भगवती का पांच प्रकार के वस्त्रों से श्रृंगार किया जाता है। पंचमी तिथि को प्राय: अधिकांश स्थानों पर जगत जननी की प्रतिमाओं की स्थापना कर ली जाएगी। इसी के साथ ही मां के विविध रूपों के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं का जनसैलाब सडक़ों पर दिखाई देगा। नगर के गांधी चौक, सामुदायिक भवन के समीप, जय स्तंभ, सिंधी कालोनी, घंधरी नाका, पाली रोड, लालपुर आदि कई स्थानो पर पूर्व की भांति इस वर्ष भी आकर्षक प्रतिमायें स्थापित की गई हैं। जिनके दर्शन करने लोगों का हुजूम उमड़ रहा है।
स्वत: प्राप्त होती सिद्धियां
उल्लेखनीय है कि नवरात्र मे अलग-अलग दिन माता के नौ स्वरूपों की अर्चना की जाती है। आदि शक्ति का पांचवा स्वरूप स्कंद माता है। कुमार काॢतकेय की माता होने के कारण इन्हे स्कंद माता कहा जाता है। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक इनकी आराधना से विशुद्ध चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: ही प्राप्त हो जाती है तथा मृत्युलोक मे ही साधक को परम शक्ति और सुख का अनुभव होने लगता हैं। भक्त की समस्त इच्छाओं को पूर्ण करने मां उसे आध्यात्मिक दर्शन देती हैं।
आज स्थापना का अंतिम दिन
नवरात्र के चौथे दिन मातेश्वरी के कूष्मांडा स्वरूप की आराधना की गई। गुरूवार को सभी स्थानों पर विधिवत पंचमी की पूजा अर्चना के साथ ही जगत जननी की प्रतिमाओं की स्थापना कर ली जायेगी। जिन स्थानो पर महाकाली विराज चुकी हैं, वहां की दुर्गोत्सव समितियां अपने-अपने पण्डालों की सजवाट मे जुट गई हैं। रोड के दोनो ओर विद्युत की आकर्षक साज सज्जा की जा रही है। बताया जाता है कि जिला मुख्यालय मे करीब 50 स्थानो पर मां दुर्गा की स्थापना की गई है। जो एक से बढ़ कर एक हैं। मां की प्रतिमाओं का तेज देखते ही बनता है। हर जगह-जगह उनकी अलग ही छवि दिखाई दे रही है। शाम होते ही पण्डालों के आसपास श्रद्धालुओं की चहल-पहल शुरू हो जाती है। रात्रि को करीब 9 बजे मातेश्वरी की आरती के बाद प्रसाद वितरण का क्रम शुरू हो जाता है।
बिरासिनी मंदिर मे 5179 कलश स्थापित
शारदेय नवरात्रि के प्रथम दिन जिले के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां बिरासिनी मंदिर मे 5179 कलश स्थापित किए गए हैं। मां बिरासिनी मंदिर प्रबंध समिति द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मंदिर मे कल शाम तक आजीवन ज्योति कलश घी के 374, आजीवन ज्योति कलश तेल के 164, सामान्य घी 772, सामान्य तेल 821 एवं 3048 जवारा कलशों की स्थापना की जा चुकी है। उन्होने बताया कि कलश स्थापना का यह क्रम पंचमी तक जारी रहेगा। आशा व्यक्त की जा रही है कि मंदिर प्रांगण मे इस वर्ष 7 हजार से अधिक कलश स्थापित होंगे। समिति द्वारा शारदेय नवरात्रि पर बिरासिनी मंदिर आने वाले श्रृद्धालुओं की सुविधा के सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।

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