महीनो से जले पड़े हैं ट्रांसफार्मर

महीनो से जले पड़े हैं ट्रांसफार्मर
सूख रही फसल, जिले के किसानो ने लगाई प्रशासन से गुहार
उमरिया। अघोषित कटौती के सांथ ही महीनो से जले पड़े ट्रांसफार्मर जिले भर के लिये भीषण समस्या बन गये हैं। मानसून की धोखाधड़ी के कारण खेत सूख रहे हैं, ऐसे मे उन्हे तत्काल पानी की दरकार है परंतु बिजली नहीं है। अपने ही हाथों से बोई फसल को तबाह होता देख अन्नदाता यहां से वहां गुहार लगाता फिर रहा है। बुधवार को कुछ ऐसा ही नजारा कलेक्ट्रेट मे देखा गया, जहां सैकड़ों की संख्या मे आये किसानो ने प्रशासन से अपनी बेबसी बयां की। जिले के करकेली, मानपुर और पाली सहित तीनो ब्लाकों के बाशिंदे शामिल हैं। किसानो का कहना था कि उनके गावों मे 18 से 20 घंटे तक कटौती की जा रही है। जहां बिजली है, वहां ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं जबकि कुछ लोग थ्रीफेस सप्लाई न मिलने से हलाकान हैं।
अधिकारी मांग रहे पैसा
मानपुर तहसील के ग्राम बड़छड़ से आये किसानो ने बताया कि उनके गांव के बजरिया और अमहा टोला मे पिछले 6 महीने से ट्रांसफार्मर जला हुआ है। इतना ही नहीं उन्होने अधिकारी के कहने पर ट्रांसफार्मर लाने के लिये 1500 रूपये भी दिये पर अब 7 हजार की मांग की जा रही है।
सरकार का फरमान
दूसरी ओर जानकारों का मानना है कि इस परिस्थिति के लिये जिला स्तर पर बैठे अधिकारियों का कोई लेना-देना नहीं है। सारा मसला शासन स्तर पर ही तय हो रहा है। थ्री फेस की सप्लाई कम करने से लेकर अघोषित कटौती तक के निर्देश ऊपर से आ रहे हैं। हलांकि लोगों के गुस्से का सामना जिला व तहसील स्तर के अमले को करना पड़ रहा है।
घटिया उपकरणों की सप्लाई
रही-सही कसर घटिया क्वालिटी के उपकरणो ने पूरी कर दी है। बताया जाता है कि जिले की अधिकांश विद्युत लाईने पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं। वर्षो से उन्हे बदलने की कोई कवायद नहीं हुई है। गल चुके बिजली के तार, केबल और इंसूलेटर आदि के कारण समस्या और भी गंभीर हो चली है। वहीं रिपेयर हो कर आये ट्रांसफार्मर इतने गुणवत्ताविहीन हैं, बदलने के दो दिनो मे ही धुआं छोड़ देते हैं। इससे मंडल को तो लाखों की चपत लग ही रही है, आम नागरिकों को भी हलाकान होना पड़ रहा है।

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