महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा माइक्रोफाईनेंस

जमा की गई बचत से अपना व्यवसाय स्थापित करने के मिल रहे अवसर

उमरिया। महिलायेंं अपने परिवार के सांथ देश की अर्थव्यवस्था मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई हैं। आाज भी वे लाखों छोटे व्यवसायों की बड़ी ताकत मानी जाती हैं। उनके द्वारा मसालों के डिब्बों और तकियों मे बचाई गई राशि बूंद से बूंद से घड़ा भरने की कहावत को चरितार्थ करती है। उनकी यही बचत न सिर्फ मुसीबत के समय बल्कि परिजनो की व्यापारिक जरूरतों को पूरा करने मददगार साबित होती है। ऐसी ही कई महिलाओं के लिये माइक्रोक्रेडिट ने नये अवसर पैदा किये हैं। कम्पनी द्वारा उन्हे अपना व्यवसाय स्थापित कर आत्मनिर्भर बनाने के लिये लोन मुहैया कराया जा रहा है, जिसका फायदा उठा कर आज हजारों गृहणियां घर मे ही इकाईयां या व्यापार स्थापित कर अपने पैरों पर खड़े होने मे सफल हुई हैं। छोटे-मोटे कारोबार या कुटीर उद्योग के लिये माइक्रोफ ाइनेंस द्वारा महिलाओं को कच्चा माल खरीदने के लिए विनियमित ब्याज दरों पर ऋ ण उपलब्ध कराया जाता है। बताया जाता है कि बैंक की मदद से कई महिलायें प्रति माह लगभग 10 से 18 हजार तक कमा रही है। एनबीएफ सी माइक्रोफ ाइनेंस संस्थान ने देश की लगभग 3.2 करोड़ से अधिक महिलाओं को छोटे व्यवसाय शुरू करने या उनका विस्तार करने हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है।

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