उद्धव ठाकरे के साले की कंपनी के 6.5 करोड़ के 11 फ्लैट सील किए, मनी लॉन्ड्रिंग का संदेह
मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में कार्रवाई की है। एजेंसी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साले श्रीधर पाटनकर की करोड़ों की संपत्ति जब्त की है।ED ने मंगलवार को ठाणे के नीलांबरी परियोजना में बने 11 आवासीय फ्लैट को सीज कर दिया। अनुमानित कीमत 6.45 करोड़ रुपए है। श्रीधर पाटनकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के भाई हैं। वे पुष्पक समूह में पार्टनर हैं।ED की इस कार्रवाई के बाद महाराष्ट्र में फिर एक बार केंद्र और महाविकास अघाड़ी सरकार के बीच सेंट्रल एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर बहस शुरू हो गई है। अब तक महाविकास अघाड़ी के मंत्री और नेता ED के रडार पर थे, लेकिन इस कार्रवाई के बाद अब माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का परिवार भी केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर आ गया है।
30 करोड़ रुपए का अनसिक्योर्ड लोन एक एंट्री ऑपरेटर नंदकिशोर चतुर्वेदी के नाम से एक शेल कंपनी श्री साईबाबा गृहिणी समिति प्राइवेट लिमिटेड के जरिए ट्रांसफर किया गया। आरोप है कि श्रीधर पाटनकर ने ठाणे में इन 11 घरों को इतने ही पैसे से खरीदा था। ED को संदेह है कि इन पैसों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग करके इन फ्लैट्स को खरीदने में हुआ है।शिवसेना नेता संजय राउत का कहना है कि श्रीधर माधव पाटनकर हमारे परिवार के सदस्य हैं। उनका रिश्ता महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे तक सीमित नहीं है। श्रीधर पर कार्रवाई भाजपा की साजिश है। ED उन राज्यों में कार्रवाई कर रहा है, जहां बीजेपी सत्ता में नहीं है। ऐसा लगता है कि ED ने गुजरात और अन्य दूसरे बड़े राज्यों में अपने दफ्तर बंद कर दिए हैं। ED सिर्फ महाराष्ट्र और बंगाल में कार्रवाई कर रही है। लेकिन भाजपा कितनी भी कोशिश कर ले, न बंगाल झुकेगा और न महाराष्ट्र टूटेगा।
इस कार्रवाई पर बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा, उद्धव ठाकरे ने इससे पहले मुंबई नगर निगम को लूटने का अधिकार श्रीधर पाटनकर को दिया था। ठेकेदार से पैसा कैसे आता है। बंद कम्पनियों से काला धन निकाला। जब प्रदेश की जनता को पता चलेगा कि श्रीधर पाटनकर के खाते से पैसा किसके पास आया तो उद्धव ठाकरे इसका जवाब नहीं दे पाएंगे।
महाराष्ट्र सीएम के रिश्तेदार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर NCP चीफ शरद पवार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार राजनीति में जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। हालात यह है कि अब हर गांव में जांच एजेंसियां घूम रही हैं।