महंगाई की मार से हलाकान आम आदमी

दाल-चावल, तेल और दूध के दाम आसमान पर, बिगड़ा किचन का बजट
नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई के ग्राफ से आम आदमी का जीवन जीना दूभर हो गया। सात महीने में महंगाई की मार से आम आदमी के किचन का बजट बुरी तरह गड़बड़ा गया है। आलू-प्याज-टमाटर और चीनी को छोड़ सभी आवश्यक वस्तुओं ने लोगों की कमर तोड़ दी है। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक सात महीने पहले एक किलो सरसों के तेल की औसत कीमत 136.52 रुपये थी और 12 जुलाई 2021 को यह साहिबगंज में 209 रुपये पर पहुंच गई।हालांकि सबसे सस्ता सरसों का तेल 12 जुलाई को 115 रुपये किलो के रेट से अहमदाबाद में बिक रहा था। इसी तरह दूध की अगर बात करें तो विजयवाड़ा में यह 67 रुपये पर पहुंच गया है, जबकि खगड़िया में यह 38 रुपये है। सात महीने पहले इसकी देश में इसकी औसत कीमत 47.02 रुपये थी और अब यह बढ़कर 4.51 फीसद बढ़कर 49.14 रुपये पर पहुंच गई है। इसी तरह अगर वनस्पति की बात करें तो 12 दिसंबर 2020 को इसकी औसत कीमत 102.92 रुपये थी, अब यह 133.42 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। अगर अधिकतम और न्यूनतम मूल्य की बात करें तो 12 जुलाई 2021 को सबसे सस्ता वनस्पति 71 रुपये जादचेरला में तो सबसे महंगा 233 रुपये मैसूर में था। बीकानेर में सूरजमुखी का तेल 227 रुपये किलो पहुंच गया है। तो 115 रुपये गोरखपुर में। वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 12 दिसंबर 2020 के मुकाबले 12 जुलाई 2021 को खाद्य तेलों की कीमतों में 33 फीसद, दालों में 13 फीसद और खुली चाय में 16 फीसद तक उछाल आ चुका है। वहीं चावल-आटा के रेट में 5 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। अगर कोई चीज सस्ती हुई है तो आलू, प्याज और टमाटर। आलू के रेट में 44 फीसद की कमी आई है। वहीं प्याज 35 और टमाटर 32 फीसद सस्ता हुआ है। वही पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है।

सरकार की गलत नीतियों से आई महंगाई: पी चिदंबरम
महंगाई के खिलाफ कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को घेर रही है। कांग्रेस केंद्र की नीतियों पर सवाल उठा रही है। महंगाई को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों के साथ-साथ कई चीजों के दामों में बढ़ोतरी देखी गई है जिससे की आम आदमी को भयंकर महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। इन सब के बीच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि महंगाई मांग बढ़ने और लोगों के हाथ में ज़्यादा पैसे होने की वजह से नहीं हुई है। ये महंगाई सरकार की गलत नीतियों और अर्थव्यवस्था के अनुपयुक्त प्रबंधन की वजह से हुई है। पूर्व मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि एनडीए सरकार ने यह दिखावा करना जारी रखा है कि कीमतों में बढ़ोतरी की चिंता झूठी है और इसकी अनदेखी से यह मुद्दे शांत हो जाएंगे। कांग्रेस पार्टी मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर सरकार की घोर लापरवाही की निंदा करती है। उन्होंने काह कि कांग्रेस की मांग है कि केंद्र सरकार पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के दाम तुरंत कम करे। हम मांग करते हैं कि आयात शुल्क की समीक्षा की जाए और आवश्यक आयातित वस्तुओं की कीमतों को रीसेट किया जाए। आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों को कम किया जाए

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