मप्र में शराब से मौत पर होगी फांसी

कानून में संशोधन पर शिवराज कैबिनेट की मुहर , जुर्माना 10 से बढ़ाकर 20 लाख किया, बिना वारंट गिरफ्तारी होगी
भोपाल। मप्र में शराब से मौत होने पर आरोपी को अब उम्र कैद की सजा होगी। शिवराज कैबिनेट ने आबकारी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जहरीली शराब से मौत होने जैसे गंभीर मामलों में मौत की सजा के प्रावधान को भी जोड़ा गया है। इतना ही नहीं, अवैध शराब पकडऩे के दौरान यदि किसी ने बाधा डाली तो बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार आबकारी अफसरों को होगा।
सरकार के प्रवक्ता एवं गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि वाणिज्यिक कर विभाग के आबकारी अधिनियम (संशोधित) 2021 को मंजूरी दे दी गई है। जिसमें शराब की हैरिटेज श्रेणी को जोड़ा गया है। इस संशोधन अधिनियम में शराब से मौत होने पर आरोपी को उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। यदि गंभीर मामले सामने आते हैं तो आरोपी को मौत की सजा देने का प्रावधान जोड़ा गया है। ऐसे में मामलों में अभी 5 से 10 साल तक की सजा होती है। इसी तरह अधिकतम 10 लाख रुपए तक के जुर्माने को 20 लाख किया गया है।
नए कानून में सख्त प्रावधान
उन्होंने बताया कि अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए भी सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। अभी तक 2 से 6 माह तक की सजा का प्रावधान है। अब इसे बढ़ाकर 6 साल किया गया है। इसी तरह शराब से शारीरिक नुकसान होने के मामले में आरोपी को 4 माह से 4 साल तक की सजा होती है। लेकिन इस अवधि को बढ़ाकर 6 साल से 8 साल तक किया गया है। उन्होंने बताया कि अब इस विधेयक को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पारित कराकर लागू किया जाएगा। बता दें कि पिछले 15 महीने में प्रदेश में जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत हो चुकी है। मंदसौर में 23 जुलाई को जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने अवैध शराब के कारोबार पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे।

उद्योगों के निवेश का दायरा बढ़ा
प्रदेश में लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों के निवेश का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। जिसके मुताबिक एमएसएमई के लिए वर्तमान में केवल 10 करोड़ के प्लांट और 5 करोड़ के निवेश वाले उद्योग ही इस दायरे में आते हैं। डॉ. मिश्रा ने बताया कि इस सीमा को बढ़ाया गया है। अब 50 करोड़ के प्लांट व 250 करोड़ का कारोबार करने वाले उद्योग को एमएसएमई की श्रेणी में रखने का फैसला किया गया है।
इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
डायल 100 की सेवाएं 2025 से बढ़ाकर 2027 तक बढ़ाया गया।
बीना रिफाइनरी के सहयोग से बीना में अस्थायी कोविड अस्पताल का संचालन।
सिंगरौली में नया आईटीआई खोले जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति।

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