आम बजट पेश, इनकम टैक्स जस का तस, न स्लैब बदला, न कोई छूट मिली
नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश का पहला पेपरलेस बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने इसे मेड इन इंडिया टैबलेट से पढ़ा। सांसदों को भी बजट उनके मोबाइल पर मिला। इसमें मिडिल क्लास खाली हाथ ही रहा। सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, न ही कोई छूट दी। हालांकि, किफायती घर खरीदने वालों को ब्याज में 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट का समय एक साल बढ़ाकर मार्च 2022 तक कर दिया। वहीं 75 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट भी दी है। सरकार की बाजीगीरी से जहां शेयर बाजार बमबम हुआ, वहीं आम आदमी के हाथ निराशा लगी है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकारी खर्च बढ़ाया है। 2020-21 में 30.42 लाख करोड़ रुपए के सरकारी खर्च का अनुमान था, जो बढ़कर 34.5 लाख करोड़ रुपए हो गया। 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5 प्रतिशत है। इसकी भरपाई के लिए हमें 80 हजार करोड़ रुपए और चाहिए। इसके लिए हमें बाजार से उम्मीद है। 2021-22 में 34.83 लाख करोड़ रुपए के सरकारी खर्च का अनुमान है। 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2025-26 तक इसे घटाकर 4.5 प्रतिशत करना चाहते हैं। कंटीजेंसी फंड को 500 करोड़ से बढ़ाकर 30 हजार करोड़ रुपए करने का प्रावधान है।
30 साल में सबसे ज्यादा घाटे में सरकार
सरकार का राजकोषीय घाटा 1991 से शुरू हुए उदारीकरण के बाद सबसे ज्यादा है। राजकोषीय घाटा यानी जब सरकार की आमदनी से ज्यादा उसका खर्च हो जाए। 1991 में यह जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था। 2020-21 में यह जीडीपी का 9.5 प्रतिशत है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकारी खर्च बढ़ाया है। 2020-21 में 30.42 लाख करोड़ रुपए के सरकारी खर्च का अनुमान था, जो बढ़कर 34.5 लाख करोड़ रुपए हो गया। इसकी भरपाई के लिए हमें 80 हजार करोड़ रुपए और चाहिए। इसके लिए हम अगले दो महीने में बाजार से मदद लेंगे। 2021-22 में 34.83 लाख करोड़ रुपए के सरकारी खर्च और 6.8 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का अनुमान है। सरकार 2025-26 तक इसे घटाकर 4.5 प्रतिशत करना चाहती है। कंटीजेंसी फंड को 500 करोड़ से बढ़ाकर 30 हजार करोड़ रुपए करने का प्रावधान है।
पेट्रोल-डीजल पर एग्री सेस
सबसे पहले बात आम आदमी की जरूरत से जुड़े पेट्रोल-डीजल की। वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर सेस का प्रस्ताव रखा। इसका नाम होगा एग्री इन्फ्रा डेवलपमेंट सेस। यह 2 फरवरी से ही लागू हो जाएगा। हालांकि, वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि इसका आम आदमी पर बोझ नहीं आने दिया जाएगा। इसके लिए बेसिक एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई है। इसी तरह कस्टम ड्यूटी लगने वाली शराब पर 100 प्रतिशत, मसूर की दाल पर 20 प्रतिशत, सेब पर 35 प्रतिशत, सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल पर 20 प्रतिशत सेस का प्रस्ताव है, लेकिन आम आदमी पर इसका भी असर नहीं होगा।
75 साल से अधिक उम्र के करदाताओं को राहत
सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के करदाताओं को राहत दी है। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में यह घोषणा भी की कि केवल पेंशन और ब्याज आय वाले 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी। ब्याज का भुगतान करने वाले बैंक अपनी ओर से कर की कटौती कर लेंगे। इसके अलावा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी। इसके साथ ही कर धोखाधड़ी से जुड़े ऐसे गंभीर मामलों में जहां छिपायी गयी आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है, यह अवधि 10 साल होगी।
हेल्थ बजट में 137 प्रतिशत इजाफा
कोरोना की वजह से ही इस बार हेल्थ बजट में 137 प्रतिशत का इजाफा हुआ। हेल्थ बजट अब 2.23 लाख करोड़ रुपए का होगा, जिसके लिए पिछली बार 94 हजार करोड़ रुपए रखे गए थे। वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो इसके लिए और बजट मिलेगा। बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए देशभर में निमोकोक्कल वैक्सीन लगाई जाएगी। इस निमोनिया से हर साल 50 हजार बच्चों की मौत होती है। 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक्स शुरू होंगे। 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स और 2 मोबाइल हॉस्पिटल शुरू होंगे।
डिजिटल भुगतान के लिए 1500 करोड़ की योजना
केंद्र सरकार ने देश में डिजिटिल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये सोमवार को 1500 करोड़ रूपये की योजना का प्रस्ताव रखा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले कुछ समय में डिजिटल भुगतान में कई गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने 2021 . 22 का बजट पेश करते हुए कहा,” डिजिटल लेन . देन को और बढावा देने के लिये मैं 1500 करोड़ रूपये की योजना का प्रस्ताव रखती हूं जिससे डिजिटल भुगतान को बढावा देने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिया जायेगा।
सोना-चांदी होगा सस्ता, मोबाइल महंगा
सरकार के इस बजट से मोबाइल खरीदने की चाह रखने वालों को झटका लगा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मोबाइल उपकरण पर अब कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी तक लगेगा। वहीं, कॉपर और स्टील में कस्टम ड्यूटी को घटाया गया है। इतना ही नहीं, सोना-चांदी से भी कस्टम ड्यूटी को घटाया गया है। इसका मतलब है कि अब सोना-चांदी सस्ता होगा और मोबाइल महंगा।
सात बंदरगाह परियोजनाओं के लिए 2000 करोड़
सरकार ने 2000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि ये परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत कार्यान्वित की जाएंगी। वित्त मंत्री सीतामरण ने लोकसभा में पहला कागजरहित आम बजट पेश करते हुए कहा कि उन्होंने पीपीपी मोड के जरिए 2000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है। भारत में अभी 12 प्रमुख बंदरगाह हैं जो केंद्र सरकार के नियंत्रण में हैं। इनमें दीनदयाल (पूर्ववर्ती कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, न्यू मेंगलूर, कोच्चि, चेन्नई, पारादीप, कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं।
बीमा क्षेत्र में एफडीआई 74 प्रतिशत
सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम का उद्देश्य विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पहली बार कागज रहित बजट पेश करते कहा कि सभी वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर पेश किया जाएगा। यह सभी वित्तीय निवेशकों का अधिकार होगा। उन्होंने बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने तथा रक्षोपाय के साथ विदेशी भागीदारी तथा नियंत्रण की अनुमति के लिए बीमा अधिनियम-1938 में संशोधन का प्रस्ताव किया। आम बजट 2021-22 पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि नए ढांचे के तहत ज्यादातर निदेशक और बोर्ड तथा प्रबंधन स्तर के अधिकारी निवासी भारतीय होंगे। कम से कम 50 प्रतिशत निदेशक स्वतंत्र निदेशक होंगे। इसके अलावा मुनाफे का एक निश्चित प्रतिशत सामान्य आरक्षित निधि के रूप में रखा जाएगा।
बजट में सरकारी सेल
केंद्र सरकार ने नए वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लिए सरकार के पास प्लान तैयार है। सरकार ने बजट में बताया कि कुछ सरकारी कंपनियों में विनिवेश को लेकर फैसले लिए जा चुके हैं। जो अगले वित्त वर्ष में पूरे हो जाएंगे। निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में बीपीसीएल, एअर इंडिया, कॉनकोर और एससीआई के विनिवेश पर मुहर लग सकती है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने बताया कि एलआईसी का आईपीओ अगले वित्त वर्ष में लाने का प्लान है। साथ ही इसके अलावा आईडीबीआई में विनिवेश होगा। इसके अलावा शेयर बाजार में तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार कुछ सीपीएसई में हिस्सेदारी भी ऑफर फॉर सेल के जरिए बेच सकती है। वहीं अन्य प्राइवेटाइजेशन डील्स भी वित्त वर्ष 2022 तक पूरा होने का अनुमान है। तेल कंपनी बीपीसीएल में हिस्सेदारी बेचने से सरकार को करीब 60 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं। सरकार अपनी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। बीपीसीएल देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी है और इसकी बैलेंस शीट बेहद मजबूत है। कंपनी हमेशा मुनाफा कमाकर सरकार को देती रही है।
एयर इंडिया से छुटकारा पाना चाहती है सरकार
कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया से सरकार छुटकारा पाना चाहती है। सरकार को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में सरकार इसे बेचने में सफल रहेगी। मौजूदा वक्त एयर इंडिया पर 60,074 करोड़ रुपये का कर्ज है, लेकिन अधिग्रहण के बाद खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये ही चुकाने होंगे। सरकार इस अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनी की पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है।
आईडीबीआई बैंक का विनिवेश
सरकार आईडीबीआई में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। आईडीबीआई में एलआईसी की 51 फीसदी और सरकार की 47 फीसदी हिस्सेदारी है। एलआईसी आईडीबीआई बैंक में अपना हिस्सा बेचने की इच्छुक है। इसके अलावा भारत में पहली बार सरकारी संपत्तियों की बिक्री शुरू होगी। एयरपोर्ट, सड़कें, बिजली ट्रांसमिशन लाइन और रेलवे के डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर को निजी हाथों में देकर पूंजी जुटाने का प्लान है।
दूसरे रास्ते से पैसे जुटाने के तैयारी
रेलवे समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का इस्तेमाल शुरू करने के बाद परिचालन एवं रख-रखाव के लिए इसकी परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करेगी। परिचालन एवं प्रबंधन संबंधी रियायत के लिए हवाई अड्डों के अगले समूह का मुद्रीकरण किया जाएगा। परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम के तहत अमल में लाई जाने वाली अन्य प्रमुख अवसंरचना परिसंपत्तियां ये हैं-एनएचएआई द्वारा चालू की जा चुकी टोल रोड पीजीसीआईएल की पारेषण परिसंपत्तियां, गेल, आईओसीएल एवं एचपीसीएल की तेल व गैस पाइपलाइनें, टियर-2 एवं टियर -3 शहरों में स्थित एएआई के हवाई अड्डे (1) रेलवे की अन्य अवसंरचना परिसंपत्तियां सीपीएसई जैसे कि केन्द्रीय भंडारण निगम, नैफेड इत्यादि की भंडारण परिसंपत्तियां, और खेल स्टेडियम।
क्या कहते हैं नेता
पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। हर साल केवल बजट आवंटन में वृद्धि पर ध्यान नहीं दिया जाता है, बल्कि योजनाओं का कार्यान्वयन भी होता है।
नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि मंत्री
आजादी की 75वीं सालगिरह पर 75 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को आयकर भरने से छूट दी गई है। यह बुजुर्गों के लिए वरदान सिद्ध होगा। राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत तक उधारी की सीमा बढ़ाई गई है। राज्य भी जब इन्फ्रा में ज्यादा पैसा डालेंगे, तो आर्थिक गतिविधियों के तेज होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। नये वित्तीय विकास संस्थान का गठन किया गया है। इससे पूंजीगत योजनाओं के लिए दीर्घकालीन ऋणों की व्यवस्था होगी।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मप्र
केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया के पुराने नारों की तरह अब आत्मनिर्भर के नए नारे के साथ आंकड़ों की हेराफेरी कर देश की जनता को गुमराह करने का काम इस बजट में किया गया है। जो लोग एफडीआई का विरोध करते थे वो आज एफडीआई को हर क्षेत्र में लागू कर रहे है। यह बजट पूरी तरह से आमजन विरोधी है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि कोरोना की महामारी के भीषण संकट काल के समय आज आए देश के इस आम बजट से देशवासियों को काफी उम्मीदें थी लेकिन इस बजट से आमजन को भारी निराशा हुई है। कोरोना महामारी में ध्वस्त अर्थव्यवस्था को देखते हुए आमजन को राहत देने के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री मप्र
यह बजट 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के वादे पर अच्छा असर डालेगा। मूल रूप से प्लसस: इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि और स्वास्थ्य सेवा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सरकार का खर्च बढ़ा है। कमजोरियों के लिए सुरक्षा जाल का विस्तार और अधिक निजी निवेश के अवसर इस बजट में है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सदस्य
एयरपोर्ट, सड़कें, इंडियन ऑयल की पाइप लाइन, सरकारी बैंक, जनरल इंश्योरेंस और स्टेडियम भी सरकार बेचेगी। कुछ बचेगा तो 2024 तक सरकार बेच देंगी।
अरुण यादव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस
मध्यम वर्ग खाली हाथ, महंगी होंगी रोजमर्रा की चीजें
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