भोपाल । मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने गुरुवार को राज्य में लव जिहाद को रोकने वाले धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी। इस अध्यादेश में महिलाओं, नाबालिगों व अजा-जजा के लोगों को बलपूर्वक या लालच के द्वारा धर्मांतरण कराने पर दो से दस साल तक की सजा व 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
12 अध्यादेशों को एक साथ मंजूरी
धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने मूल धर्म को वापस अपनाता है यानी घर वापसी करता है तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल पटेल ने उन सभी 12 अध्यादेशों पर दस्तखत कर दिए हैं, जिन्हें हाल में मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने पारित कर उनके पास हस्ताक्षर के लिए भेजा था।संबंधित विधेयकों को राज्य विधानसभा के शीत सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन कोविड-19 की परिस्थितियों के कारण सत्र को स्थगित कर दिया गया। इन 12 अध्यादेशों में एक मिलावट रोधी कानून भी है। इस कानून में मिलावटखोरों को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
कड़ाई से होगा अध्यादेश का पालन:शिवराज
मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने मंजूरी के बाद संबंधित अध्यादेश राज्यपाल के पास भेजा था।
बर्ड फ्लू पर एहतियात बरत रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बर्ड पफ्लू को लेकर पूरी एहतियात बरती जा रही है। दक्षिण के राज्यों से चिकन की आपूर्ति पर 10 दिन के लिए रोक लगा दी गई है। पोल्ट्री फाॅर्म के लिए गाइड लाइन जारी कर दी गई है।