उपचुनाव मे 69.68 फीसदी मतदान
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए मतदान समाप्त हो गया है। चुनाव आयोग के अनुसार राज्य में कुल 69.68 फीसदी मतदान हुआ। उपचुनाव के नतीजों से ही मध्य प्रदेश की मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार की किस्मत का फैसला होगा। 28 सीटों के उपचुनाव में 12 मंत्रियों समेत 355 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी हुई है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। सबसे ज्यादा फोकस ग्वालियर-चंबल इलाके की 16 विधानसभा सीटों पर है। 28 सीटों के उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ की साख दांव पर है। बीजेपी के स्टार प्रचारक शिवराज और सिंधिया ने जमकर प्रचार किया तो वहीं कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ की साख दांव पर लगी हुई है। प्रदेश के 28 विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में जीत के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ आश्वस्त हैं। कमलनाथ के साथ दिग्विजय सिंह ने भी पीसीसी दफ्तर में बैठकर हर एक चीज पर फीडबैक लिया। भाजपा की तरफ से सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा मतदान पर पैनी नजर रखे रहे। यह उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन 28 सीटों के नतीजे प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस का भविष्य भी तय करेंगे।
इन पर सबकी नजर
सिंधिया समर्थक भाजपा सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभु राम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़, बृजेंद्र सिंह यादव, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, ऐंदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह और हरदीप सिंह डंग पर सबकी नजर रहेगी। हालांकि, यह अपने बयानों को लेकर भी विवादों में रह चुके हैं।
वोटों का गणित साधने की कोशिश
कांग्रेस से भाजपा में गए 25 पूर्व विधायकों के सामने फिर से विधायक बनने के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती खुद को मिले वोटों के अंतर को पाटना है, जो उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भाजपा उम्मीदवारों से अधिक मिले थे। इस मामले में सबसे ज्यादा चुनौती उन पूर्व विधायकों के सामने हैं, जो 2000 से कम मतों से जीते थे। इनमें मंत्री हरदीप सिंह डंग की जीत सबसे छोटी थी और वह 350 मतों से जीते थे। उसके बाद मांधाता के नारायण पटेल 1236 और नेपानगर की सुमित्रा देवी 1256 मतों से जीती थीं।
दो मतदान केंद्रों पर फायरिंग, दो घायल
प्रदेश के मुरैना जिले के जतवार के पुरा में पोलिंग बूथ पर गोली चली, जिसमें एक घायल हुआ है। सुमावली विधानसभा के जतवार पाठक पुरा में चली गोली से रामवकील कुशवाहा घायल जौरा अस्पताल में भर्ती। फायरिंग की दूसरी वारदात इसी विधानसभा क्षेत्र के पचौरी का पुरा मतदान केंद्र के बाहर हुई। घटना में बघेल कुशवाह को गोली लग गई। यहां आधा घंटे तक वोटिंग बंद रही। सुमावली विधानसभा के जोरा जोरी मतदान केंद्र पर दबंगों ने कई लोगों की मतदान पर्ची छीनी और मारपीट कर भगा दिया।
चुनाव आयोग ने
बदली मशीनें
मध्य प्रदेश उपचुनाव में ईवीएम मशीनों के खराब होने पर सवाल उठ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ईवीएम मशीनों के खराब होने और हैक होने की आशंका जताई थी। इस पर शिवराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेस को अपनी हार दिख रही है, इसलिए वह ठीकरा ईवीएम मशीनों पर फोड़ रही है।
बिहार मे 54.44 फीसदी वोटिंग
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए दूसरे चरण का मतदान अब समाप्त हो चुका है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर 54.44 फीसदी वोङ्क्षटग हुई। दूसरे चरण में पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, छपरा, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगडि़या, भागलपुर, नालंदा और पटना में मतदान हुए। इस चरण में 1463 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। अब किसकी किस्मत में विधानसभा की कुर्सी होगी। इसका खुलासा 10 नवंबर को रिजल्ट के दिन ही होगा।
यूपी उपचुनाव मे नौगावां सादात सीट पर सबसे अधिक तो घाटमपुर मे सबसे कम पड़े मत
लखनऊ । कोरोना संकट काल के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा की सात सीटों पर मंगलवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान हुआ। मतदान केंद्रों के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इस बीच निर्वाचन अयोग के मुताबिक ओवरआल ५३.६२ फीसदी फीसदी मतदान हुआ है। यूपी में नौगावां सादत ६१.५० फीसदी, बुलंदशहर में ५२.१० फीसदी, टूंडला ५४.०० फीसदी, बांगरमऊ ५०.५९ फीसदी, घाटमपुर ४९.४२ फीसदी, देवरिया ५१.०५ फीसदी और जौनपुर जिले के मल्हनी सीट पर ५६.६५ फीसदी मतदान होने की सूचना है।