मध्यप्रदेश के उपचुनावों का कार्यक्रम जारी, 10 तरीख को आयेगा फैंसला
नई दिल्ली। मप्र की 28 सीटों पर होने वाले उप चुनाव की तारीख तय हो गई है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को 10 राज्यों की 56 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया। इनमे मप्र के अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात और उत्तरप्रदेश समेत 10 राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को मतदान होगा। वहीं, बिहार की एक लोकसभा सीट और मणिपुर की दो विधानसभा सीटों पर 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। सभी सीटों के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान नहीं किया गया है। चुनाव आयोग का कहना है कि इन राज्यों में कुछ मुश्किलें हैं, इसलिए मौजूदा स्थिति में उपचुनाव नहीं करवाने का फैसला लिया गया। मप्र मे 28 सीटों पर पर 3 नवंबर को मतदान होगा। 10 नवंबर को चुनाव नतीजे आएंगे। चुनाव की अधिसूचना 9 अक्टूबर को जारी की जाएगी। इसके साथ ही नामांकन का सिलसिला शुरू हो जाएगा। नामांकन की अंतिम तारीख 16 अक्टूबर रखी गई है। 19 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। मतगणना 10 नवंबर को होगी।
तख्तापलट के बाद खाली हुई सीटें
बता दें कि की कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद मप्र की 25 सीटें खाली हुई हैं जबकि ३ सीटों पर विधायकों के निधन के बाद रिक्त हुई हैं। मप्र के उपचुनावों में भाजपा अपनी सत्ता बचाने और कांग्रेस नेता कमलनाथ छह महीने पहले खोई सत्ता वापस पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख भी दांव पर लगी है, क्योंकि जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें 16 सीटें सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की है। जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, भांडेर, करैरा, पोहरी, बामोरी, अशोकनगर, मुंगावली, सुरखी, सांची, अनूपपुर, सांवेर, हाटपिपल्या, सुवासरा, बदनावर, आगर-मालवा, जौरा, नेपानगर, मलहारा, मंधाता और ब्यावरा शामिल हैं।
पहली बार आया ऐसा मौका
पहली बार प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसकी वजह प्रदेश में मार्च में हुआ सियासी फेरबदल है। इसी साल 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार गिर गई थी। कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने से 22 सीटें खाली हो गई थीं। इसके बाद जुलाई में बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न लोधी और नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली। फिर मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा का झंडा पकड़ लिया। इसके अलावा, तीन विधायकों का निधन हो गया। यानी कुल 28 विधानसभा सीटें खाली हो गईं।
चुनी हुई सरकार गिराने वालों को कड़ा जवाब देगी जनता:कमलनाथ
निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव कराने की घोषणा का प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि उपचुनाव में प्रदेश की जनता लोकतंत्र की हत्या कर एक चुनी हुई सरकार गिराने वालों को कड़ा जवाब देगी। कमलनाथ ने इस बारे में हिन्दी में ट्वीट किया, चुनाव आयोग द्वारा मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव की घोषणा का स्वागत। कांग्रेस इन उपचुनावों को लेकर पूरी तरह से तैयार है। हमने अभी तक 24 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिये है, शेष नाम भी हम शीघ्र घोषित करेंगे। उन्होंने अपने अगले ट्वीट में कहा, कांग्रेस का परचम इन सीटों पर निश्चित लहरायेगा और हम भाजपा को इन सीटों पर परास्त करेंगे। यह उप चुनाव जनादेश का अपमान, संवैधानिक मूल्यों व लोकतंत्र की हत्या करने वालों को कड़े जवाब के रूप में होगा। कमलनाथ ने कहा, मध्य प्रदेश की जनता एक लोकप्रिय चुनी हुई, विकास की सोच वाली सरकार का सौदा कर गिराने वालों को इन चुनावों में कड़ा जवाब देगी।
कोरोना पॉजिटिव नहीं कर पाएंगे प्रचार
चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर कोई उम्मीदवार कोरोना वायरस पॉजिटिव होता है तो उसे चुनाव प्रचार करने की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान उनके साथ प्रचार करने समर्थकों को भी अपना कोरोना टेस्ट करवाना होगा और क्वारंटाइन होना पड़ेगा। अब चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों को कोरोना से बचना होगा। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के साथ गुजरात, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक सहित ५६ विधानसभा सीटों पर ३ नवंबर को चुनाव कराने का ऐलान किया है। उधर बिहार की एक लोकसभा सीट पर भी इसी दिन मतदान होगा। वोटों की गिनती १० नंबवर को होगी और इसी दिन