नगालैंड ने 676, सिक्किम ने 128 और महाराष्ट्र ने 22 नागरिकों को निकाला
इंफाल।मणिपुर में हिंसा अब थम चुकी है। हालांकि हालात सामान्य होने में अभी वक्त लगेगा। चूराचांदपुर जिले में रविवार सुबह 7 बजे से 10 बजे तक के लिए कर्फ्यू हटाया गया, ताकि लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद सकें। 10 बजते ही सेना और असम राइफल्स ने पूरे जिले में फ्लैग मार्च किया। 27 अप्रैल को चूराचांदपुर जिले से ही हिंसा शुरू हुई थी, जो पूरे राज्य में फैल गई।इस हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। सेना के मुताबिक, अब तक सभी समुदायों के 23 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू कर सैन्य कैंप में भेजा गया है। राज्य में सुरक्षाबलों की 14 कंपनी तैनात की गई हैं। केंद्र सरकार 20 और कंपनी राज्य में भेजने वाली है।देश के बाकी राज्यों ने मणिपुर में मौजूद अपने छात्रों को रेस्क्यू करने की मुहिम तेज कर दी है। रविवार को नगालैंड ने 676, सिक्किम ने 128 और महाराष्ट्र ने 22 लोगों को मणिपुर से निकाला।
जनजाति नहीं है मैतेई समुदाय
भाजपा विधायक डिंगांगलुंग गंगमेई ने कहा है कि मैतेई समुदाय एक जनजाति नहीं है और इसे कभी इस रूप में मान्यता भी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि ये आदेश देना हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इस पर सिर्फ राज्य सरकार फैसला ले सकती है। ये आदेश अवैध है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को यह समझना चाहिए था कि ये राजनीतिक मुद्दा है और इसमें हाईकोर्ट की कोई भूमिका नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले से आदिवासियों के बीच गलतफहमी पनपी और तनाव बढ़ा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के इस आदेश पर स्टे लगाने की मांग की है।
मणिपुर CM ने की ऑल पार्टी मीटिंग
मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह ने राज्य में हालात को संभालने के लिए शनिवार को ऑल पार्टी मीटिंग की थी। मीटिंग में उन्होंने कहा कि सभी लोग पार्टी लाइन से हटकर तनाव को कम करने और स्थिति सामान्य करने के लिए काम करें। सभी लोगों ने इस पर सहमति भी जताई।
राज्य में NEET एग्जाम पोस्टपोन
राज्य के हालात को देखते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने राज्य में NEET-UG के एग्जाम पोस्टपोन कर दिए हैं। जिन स्टूडेंट्स को मणिपुर सेंटर मिला है उनके एग्जाम बाद में होंगे। राज्य के 11 सौ लोग असम में शरण लिए हुए हैं। भारत-म्यांमार सीमा पर हवाई निगरानी भी की जा रही है।शुक्रवार को मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया था। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए थे। साथ ही मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया गया। हिंसा को देखते हुए राज्य के 16 में से 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया था। अब धीरे-धीरे इन इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी जा रही है।
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