8 वर्षो के बाद भी नहीं बन सकी उमरिया-शहडोल रोड, हलाकान हो रहे मुसाफिर
बांधवभूमि, उमरिया
जिले से संभागीय मुख्यालय शहडोल के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 43 का निर्माण मुसाफिरों और आम नागरिकों के लिये सिरदर्द बन कर रह गया है। इस रोड को बनाने का कार्य करीब 8 वर्ष पूर्व शुरू किया गया था, परंतु आज तक यह पूरा नहीं हो सका है। उमरिया से शहडोल के बीच जगह-जगह रोड को खोद दिया गया है, जबकि अनेक स्थानो पर इसे डायवर्ट किया गया है। जहां आये दिन दुर्घटनायें हो रही हैं। शायद ही ऐसा कोई महीना होगा, जब जर्जर हाईवे के कारण हुए हादसे मे कोई जान न गई हो। इसके बावजूद ना तो शासन-प्रशासन मे बैठे लोगों और नां ही निर्माण ऐजेन्सी की कान मे जूं रेंग रही है। उल्लेखनीय है कि शहडोल-उमरिया मार्ग छत्तीसगढ़ तथा अन्य राज्यों से शेष भारत को जोड़ता है। इस रोड से लकड़ी, पेपर, अनाज, कोयला, स्टील सहित अनेक खनिज एवं सामग्रियों का परिवहन होता है। जिसके निर्माण मे हो रही देरी से आवागमन और विकास बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
कई दिनो से बंद निर्माण
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और विस्तार के तहत उमरिया से शहडोल के बीच बनने वाली सड़क शुरू से ही विवादों मे रही है। सबसे पहले इसका ठेका जीवीआर कम्पनी को मिला था, जिसने अपना मिक्सर प्लांट आदि स्थापित भी कर दिया, परंतु काम चालू नहीं कर सकी। काफी समय तक जब निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ तो एमपीआरडीसी के हस्ताक्षेप से इसे पेटी कांटेक्ट मे तिरूपति कांस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड को सौंप दिया गया। जिसने नौ दिन चले अढ़ाई कोस की तर्ज पर पहले तो पूरी सड़क खोद दी, फिर बीच-बीच मे इसे बनाना शुरू कर दिया। इससे लोग हलकान होते रहे। बीते कई दिनो से उसने भी काम रोक दिया है। बताया जाता है कि भुगतान न होने से निर्माण बंद कर दिया गया है।
यह होना है काम
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 का ठेका कई हिस्सों मे हुआ था। जिसमे से कटनी-उमरिया के बीच का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है। जबकि उमरिया से शहडोल तक का कार्य अभी किया जाना है। जिसमे सड़क और पुलों का चौड़ीकरण, बायपास के अलावा अमहा, पठारी, दैगवां और घुनघुटी फाटक के पास ओवरब्रिजों का निर्माण शामिल है। इनके बनने से शहडोल और उमरिया के बीच का सफर काफी आसान हो जायेगा, परंतु परियोजना पर लगा ग्रहण इसमे बाधा बना हुआ है।
अभी से उखडऩे लगी रोड
केवल देरी ही नहीं टीबीसीएल की मनमानी और गुणवत्ताविहीन कार्य भी इसमे बड़ी समस्या है। जानकारी के मुताबिक उमरिया से शहडोल के बीच बनाई गई सड़क अभी से कई जगह या तो बैठ गई है, या इसमे लंबी-लंबी दरारें पड़ गई है। कराड़ों रूपये की लागत से बनने वाले राजमार्ग मे हो रही धांधली और लेटलतीफी के बावजूद एमपीआरडीसी के अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, बल्कि आराम से ठेकेदार का भुगतान निकालते रहे। सूत्र बताते हैं, कि विभाग के आला अधिकारी खुद इस धांधली मे शामिल हैं।
बाईक दुर्घटनाग्रस्त, दो गंभीर
थाना कोतवाली अंतर्गत ग्राम अमहां के पास शनिवार को हुए सड़क हादसे मे तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। बताया गया है कि अन्नू पिता रेशम लाल, रामचरण सोनकर तथा एक अन्य युवक बाईक पर पाली जा रहे थे, तभी अमहा के पास वे अनियंत्रित हो कर गिर गये। हादसे के बाद घायलों को 108 की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। दुर्घटना मे दो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गये, जिनमे से एक की हालत नाजुक होने से उसे जबलपुर रेफर किया गया है।
मंथर पड़ा राजमार्ग का निर्माण
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