मंत्रोच्चारण के बीच प्रतिष्ठित हुए विघ्नहर्ता

टे्रक्टर, पिकअप, रिक्शा, हथठेलों और साईकिलों मे पधारे एकदंत, देर रात्रि तक हुई स्थापना,
बांधवभूमि, उमरिया
प्रथम पूज्य के प्रकटोत्सव का प्रतीक पावन पर्व गणेशोत्सव बुधवार से प्रारंभ हो गया। कल सुबह से ही गणपति को विराजमान करने का दौर शुरू हो गया था। शुभ मूहूर्त मे मत्रोच्चारण के बीच विधि-विधानपूर्वक भगवान को प्रतिष्ठित किया गया। कई स्थानो पर दोपहर तक स्थापना हुई, जबकि कई जगह देर रात को लंबोदर पधारे। स्थापना के बाद अब सार्वजनिक पण्डालों और घरों मे सजावट का कार्य किया जा रहा है। जैसे-जैसे अनंत चतुर्दशी करीब आयेगी, आकर्षण और भी बढ़ता जायेगा। कई समितियां इस बार वृहद सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमो के आयोजन की रूपरेखा तैयार करने मे जुट गई हैं।
गूंजा गणपति बप्पा मोरया का जयघोष
जिले भर मे बुधवार को जगह-जगह विघ्रहर्ता, मंगलकर्ता भगवान श्री गणेश के प्रतिमाओं की स्थापना की गयी। गणेशोत्सव पर उल्लास का माहौल रहा और चहुंओर गणपति बप्पा मोरया के जयघोष गूंजते रहे। आकर्षक पण्डालों और घरों मे प्रतिमाओं की स्थापना के बाद भगवान लंबोदर की सामूहिक आरती की गयी और प्रसाद बांटा गया। 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव को लेकर युवाओं मे आस्था देखते ही बनती है।
बाजारों मे रही खासी चहल-पहल
गणेशोत्सव के चलते कल बाजारों मे भी खासी चहल-पहल रही। नगर मे कई स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की गयी है। शहर मे कल तमाम रात गणेश चतुर्थी की धूम रही। पण्डालों मे स्थापना के लिए उत्साह से लबरेज समितियों के सदस्य सुबह से टे्रक्टर, पिकअप, रिक्शा, हथठेलों और साईकिलों मे गणपति की प्रतिमाओं को ले जाते देखे गए। पण्डालों के अलावा स्थानीय लोगों और व्यापारियों द्वारा अपने घरों और प्रतिष्ठानों मे भी भगवान लंबोदर की प्रतिमा स्थापित की गयी है। माना जाता है कि बल, विद्या और बुद्धि के दाता भगवान श्रीगणेश के आगमन से मान, पद और प्रतिष्ठा मे वृद्धि होती है।

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