भ्रूण लिंग की जांच गंभीर अपराध

पीसीपीएनडीटी एक्ट की कार्यशाला मे बोले कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव
उमरिया। भू्रण मे लिंग जांच करवाना या करना अपराध है। शासन द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत मानीटरिंग की व्यवस्था की गई है। शासकीय एवं पंजीकृत अशासकीय संस्थाओं के माध्यम से सोनोग्राफी का कार्य प्रशिक्षित चिकित्सकों के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। इसका उल्लंघन करने पर संबंधित को सजा भी हो सकती है। शासन द्वारा बेटियों की सुरक्षा एवं उनके समग्र विकास हेतु बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान का संचालन किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य कन्या जन्म को प्रोत्साहित करना है। चिकित्सक एवं समाज इस कार्य मे अग्रणी भूमिका निभायें। उक्त आशय के विचार कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुल गुप्ता, अपर कलेक्टर अशोक ओहरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. राजेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन डा. बीके प्रजापति, आरएमओ डा. संदीप सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एसके गढपाले, शाखा प्रभारी चिकित्सक अनिल सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
आम जनता को दें जानकारी
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि चिकित्सालयों में सोनोग्राफी एवं एक्सरें हेतु ओपीडी मे पंजीकृत मरीजों की नामजद जानकारी रखी जाए तथा अशासकीय संस्थाओं से इन मरीजों के एक्सरे एवं सोनोग्राफी होने की जानकारी संकलित की जाए। साथ ही दैनिक रूप से एक्सरे एवं सोनोग्राफी के प्रगति की जानकारी संधारित की जाए। आपने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट की जानकारी आम जन को नही होने से विसंगतियां सामने आती है। इसलिए अधिक आबादी वाले गांवों एवं शहरी क्षेत्रों में होर्डिग तथा दीवार लेखन कर एक्ट की जानकारी आम जन को दी जाए। इसी तरह एक्ट का उल्लंघन करने पर सजा के प्रावधान तथा लिंग जांच करवानें की गुप्त सूचना पर पुरस्कार के प्रावधानों की जानकारी आमजन को दी जाए।

 

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