भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी बंद का व्यापक असर
नई दिल्ली । केंद्र सरकार की नीतियों के विरुद्ध 10 केंद्रीय यूनियनों ने गुरुवार को संयुक्त रूप से देशव्यापी भारत बंद किया। इस हड़ताल से कामकाज प्रभावित हुआ। बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से ठप रही। इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन और बैंकिंग सेवाएं भी प्रभावित हुई। हड़ताल के कारण बैंक, बीमा, डाक तार, केन्द्र, बीएसएनएल, कोयला, परिवहन, तेल, पोर्ट, विमानन एवं अन्य संस्थानों के कार्यालयों में कामकाज ठप रहा। केरल में बंद का सर्वाधिक असर रहा। भारत बंद का मकसद किसान विरोधी सभी कानूनों, मजदूर विरोधी श्रम संहिता को वापस लेना है और मरनेगा समेत कई योजनाओं का विस्तार है। भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अलावा सभी ट्रेड यूनियन इस बंद के समर्थन में रहे।
हड़ताल से देश के दक्षिणी राज्य केरल में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ और इसका असर सरकारी कार्यालयों, बैंक और बीमा सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों पर दिखा। केरल में भारत बंद की वजह से बस सेवा भी प्रभावित हुई हैं। वहीं, कोच्चि में मार्केट बंद हैं। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में अलग-अलग ट्रेड यूनियनों द्वारा 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल से गुरुवार को केरल में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। केरल में राज्य सरकार ने भी इस बंद का समर्थन किया है। सभी सरकारी दफ्तर बंद रहे और सरकारी गाडिय़ों की सेवा भी बाधित रही। प्रतिष्ठानों और दुकानों ने भी बंद का पूरा समर्थन किया।
हालांकि, कोविड-19 महामारी के चलते मजदूर संगठनों ने रैली या जनसभा नहीं की। शारीरिक दूरी के नियम को ध्यान में रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया और मानव शृंखला बनाईं। राजस्थान की राजधानी जयपुर के श्रमायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान आरबीआई, आयकर विभाग, बीमा, ईपीएफओ सहित 12 संगठनों ने प्रदर्शन कर विरोध दर्ज करवाया।
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी प्रशासन ने सरकारी अधिकारियों के लिए गुरुवार को कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया था। सरकार का उद्देश्य बंद को विफल करने का था। हालांकि, इस तरह के कदम सरकार ने पहले भी उठाए हैं। बंगाल में भी बंद का असर देखने को मिला। बैंकिंग सेवाएं सहित कई कार्यालयों में कामकाज ठप रहा।
मध्य प्रदेश में 10 सरकारी बैंकों की 7,300 बैंक शाखाओं में कामकाज प्रभावित रहा। मध्य प्रदेश बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन (एमपीबीईए) के सचिव एमके शुक्ला ने बताया कि राज्य के 10 सरकारी बैंकों की 7,300 शाखाओं के करीब 18,000 अधिकारी, कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। इससे नियमित कार्य प्रभावित हुए। हड़ताली कर्मचारियों ने कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर रैली नहीं निकाली और अपनी शाखाओं के बाहर तख्तियां लहराते हुए श्रमिक विरोधी नीतियों को लेकर विरोध जताया।
पंकज/ईएमएस २६नवंबर
भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी बंद का व्यापक असर
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