भारत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान व अंतरराष्ट्रीय कानून का पक्षधर : मोदी

प्रधानमंत्री ने जापानी मीडिया को ‎दिया जवाब, हम अपनी अखंडता की रक्षा के ‎लिए प्र‎तिबद्ध
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान गए हैं। वह हिरोशिमा में दुनियाभर के तमाम नेताओं से मिले। शनिवार को जी7 के वर्किंग सेशन में शामिल होने से पहले पीएम ने जापानी मीडिया से बातचीत भी की। मी‎डिया से पीएम मोदी ने जी7, जी20 से इतर चीन के मसले पर पूछे गए सवालों का जवाब दिया। चीन के सैन्य विस्तार पर भारत क्या करेगा? दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीन सागर और ताइवान की खाड़ी में भी तनाव हो गया है। जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत संप्रभुता, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का सम्मान करता है। भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हुए अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। भारत ने अपने दृष्टिकोण का प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश के साथ भूमि और समुद्री सीमाओं को सफलतापूर्वक सुलझा लिया है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और तेल आयात पर मोदी ने कहा कि भारत बातचीत और कूटनीति की वकालत करता है। मोदी ने कहा कि भारत विवादों को सुलझाने और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से प्रभावित लोगों की भलाई को प्राथमिकता देने के लिए बातचीत और कूटनीति की वकालत करता है। भारत आक्रमण की निंदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों से दूर रहा। लेकिन संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्‍ट्रीय कानून, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा। भारत यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है। और संयुक्त राष्ट्र और उसके बाहर रचनात्मक योगदान देने के लिए तैयार है। मोदी ने कहा कि जी7 और जी20 शिखर सम्मेलन वैश्विक सहयोग के लिए अहम मंच हैं। उन्होंने कहा, जी20 के अध्यक्ष के तौर पर मैं हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान ‘ग्लोबल साउथ’ के नजरिये एवं प्राथमिकताओं का प्रतिनिधित्व करूंगा। जलवायु परिवर्तन, आपूर्ति शृंखला व्यवधान, आर्थिक सुधार, ऊर्जा अस्थिरता, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा और शांति एवं सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए जी7 और जी20 के बीच सहयोग को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी दोनों देशों के संयुक्त प्रयासों को एक मजबूत आधार प्रदान करती है और इन मुद्दों पर वैश्विक सहयोग में योगदान देती है।

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