नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच दोस्ती काफी पुरानी है और समय की मांग भी है। दोनों देशों की दोस्ती समय की कसौटी पर पूरी तरह से खरी उतरी है।उन्होंने कहा, “मुझे ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए बेहद खुशी हो रही है और इस सम्मान के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देता हूं। भारतीय इतिहास और सभ्यता में ‘संगम’ का एक विशेष अर्थ होता है। नदियों, लोगों और विचारों का संगम या एक साथ आना है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान रूस ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत को भरपूर मदद पहुंचाया है। टीकाकरण के क्षेत्र में रूस के सहयोग को हमेशा याद किया जाएगा। पूर्वी आर्थिक मंच के समापन समारोह को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के 11 पूर्वी क्षेत्रों के गवर्नरों को भारत आने का न्योता भी दिया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं रूसी सुदूर पूर्व के विकास के लिए राष्ट्रपति पुतिन के दृष्टिकोण की सराहना करता हूं। इस दृष्टिकोण को साकार करने में भारत रूस का एक विश्वसनीय भागीदार बनेगा। 2019 में, जब मैं फोरम में हिस्सा लेने के लिए व्लादिवोस्तोक गया था, मैंने सुदूर पूर्व नीति को लागू करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की घोषणा की थी।यह फोरम विश्व अर्थव्यवस्था के प्रमुख मुद्दों, क्षेत्रीय एकीकरण, औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ रूस और अन्य देशों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इसकी स्थापना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साल 2015 में की थी। इस फोरम का मुख्यालय व्लादिवोस्तोक में स्थित है और प्रत्येक साल रूस के इसी शहर में बैठक बुलाई जाती है। इस मंच के माध्यम से रूस और एशिया महाद्वीप के देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को विकसित करने को लेकर रणनीति तैयार की जाती है।
भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी:पीएम मोदी
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