भारत में हर एक हजार में 145 बेरोजगार

नई दिल्ली। देश में इस महीने बेरोजगारी दर 14.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है, यानी काम करने को तैयार हर एक हजार लोगों में से 145 लोगों के पास कोई काम नहीं है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) का बेरोजगारी का आंकड़ा पिछले हफ्ते का है और एक साल में सबसे ज्यादा है।
सीएमआईई के मुताबिक पिछले महीने यानी अप्रैल में बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत थी, यानी काम करने को तैयार हर 100 लोगों में आठ लोगों के पास काम नहीं था। पिछले साल अप्रैल और मई में लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी का आंकड़ा 23 प्रतिशत (100 में 23 लोगों के पास काम नहीं था) को पार कर गया था।
अप्रैल में भी बेरोजगारी बढ़ी
सीएमआईई के हालिया साप्ताहिक विश्लेषण के मुताबिक पिछले महीने (अप्रैल में) बेरोजगारी बढ़ी थी, जबकि खरीदारी का रुझान घटा था। उसका कहना है कि यह स्थिति मई में बनी रह सकती है और बेरोजगारी का आंकड़ा डबल डिजिट में रह सकता है। 2020-21 में देश में औसत बेरोजगारी 8.8 प्रतिशत रही थी।
कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स में लगातार गिरावट
सीएमआईई के डेटा कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स के लगातार पांचवें हफ्ते घटने की भी बात कहते हैं। पिछले हफ्ते 1.5 प्रतिशत घटे इस इंडेक्स में मार्च के अंतिम हफ्ते से कुल 9.1 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। अप्रैल 2021 में कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स 2019-20 के मुकाबले लगभग 49 प्रतिशत नीचे था। अप्रैल 2020 में यह 2019-20 के औसत से लगभग 57 प्रतिशत कम था।
आमदनी में आई गिरावट
सीएमआईई के मुताबिक, लोगों के खरीदारी के रुझान में कमी आने की वजह की उनकी आमदनी में गिरावट और आने वाले कल को लेकर बढ़ी चिंता है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले आधे यानी 55.5 प्रतिशत परिवारों की आमदनी बंद हो गई है। 41.5 प्रतिशत परिवारों की इनकम पिछले एक साल से जस की तस है जबकि 3.1 प्रतिशत परिवारों की आमदनी पिछले एक साल में बढ़ी है। ऐसे में कहा जा सकता है कि 97 प्रतिशत परिवारों की आमदनी (महंगाई के हिसाब से) असल में घटी है।
सितंबर से सप्लाई साइड की दिक्कत कम होने लगी थी
सीएमआईई के मुताबिक, आवाजाही पर रोक हटने या कम होने के चलते पिछले साल सितंबर से सप्लाई साइड (सामान की उपलब्धता) की दिक्कत कम होने लगी थी। लेकिन लोगों की दिक्कतें बनी रही क्योंकि उनको पहले की तरह काम नहीं मिल रहा था और न ही परिवारों की पहले जैसी इनकम रही थी।
मांग में कमी बनी रहने से रिकवरी अटक सकती है
दिसंबर 2020 तक परिवारों की आमदनी 2019-20 के औसत से 6.7 प्रतिशत कम रह गई थी और तब से स्थिति बिगड़ी ही है। सीएमआईई का कहना है कि कम से कम ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की सप्लाई बेहतर हुई है लेकिन मांग में कमी बनी रहने से रिकवरी अटक सकती है।

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