भारत में कम नहीं हुआ भ्रष्टाचार, रैंकिंग में 85वें पायदान पर

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट, डेनमार्क में हालात सबसे बेहतर

लंदन। भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडेक्स (CPI 2021) ने 2021 के लिए अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। भारत इसमें पिछले साल की ही तरह 85वें नंबर पर है। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान 16 नंबर नीचे पहुंचकर 140वें नंबर पर पहुंच गया है। यहां उसका साथ देने के लिए म्यांमार मौजूद है। यूरोपीय देशों में करप्शन और मानवाधिकारों के हालात बहुत बेहतर हैं। यही वजह है कि इस रेटिंग में इन्हीं देशों का दबदबा कायम है। इस इंडेक्स में 0 से 100 अंकों के बीच रेटिंग दी जाती है। जिस देश के नंबर जितने ज्यादा होते हैं, वो सबसे कम करप्ट माना जाता है। जिन देशों के नंबर कम होते हैं, उनमें भ्रष्टाचार ज्यादा माना जाता है। मिसाल के तौर पर अगर किसी देश के नंबर 0 हैं तो वहां सबसे ज्यादा करप्शन माना जाएगा। दूसरी तरफ, अगर किसी देश के नंबर 100 हैं तो इसके मायने ये हुए कि वहां करप्शन बिल्कुल नहीं है।
कोविड के बहाने आजादी को काबू में करने की कोशिश
CPI 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक- दुनिया में करप्शन को कम करने के उपाय धीमे पड़ते नजर आ रहे हैं। मानवाधिकार और लोकतंत्र पर भी हमले हो रहे हैं। कुछ देश कोविड-19 का बहाना बनाकर बुनियादी तौर पर आजादी को काबू में लाने की कोशिश कर रहे हैं। 131 देशों ने 10 साल करप्शन पर काबू पाने की कोई खास कोशिश नहीं की। दो तिहाई देश ऐसे हैं जिनका स्कोर 50 से कम है और यहां ये बहुत बड़ा मुद्दा है।
सुपरपॉवर अमेरिका कहां खड़ा है…
रुतबे और ताकत के बावजूद अमेरिका टॉप 5 देशों से बहुत दूर 27वें नंबर पर है और उसका स्कोर 67 रहा है। भारत पिछले साल यानी 2020 की रैंकिंग में भी 85वें नंबर पर था और अब भी वहीं खड़ा है। उसका स्कोर 40 है। हमारी ही पायदान पर मालदीव भी है। हमारा एक और पड़ोसी बांग्लादेश 26 स्कोर के साथ 147वें स्थान पर है। श्रीलंका 37 पॉइंट्स यानी स्कोर के साथ 102वें पायदान पर है। 180 देशों की इस लिस्ट में अफगानिस्तान 174वें स्थान पर है। उसका स्कोर 16 है।
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