भारत ने खारिज किए पत्रकार राणा अय्यूब के उत्पीड़न के आरोप
संयुक्त राष्ट्र मे दी कड़ी प्रतिक्रिया, तथ्यों को बताया निराधार और अनुचित
नई दिल्ली। भारत ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के मिशन की ओर से पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे निराधार और अनुचित करार दिया। भारत ने कहा कि देश में कानून का शासन का पालन होता है और कोई भी इससे ऊपर नहीं है। जिनेवा में भारत के स्थाई मिशन ने एक ट्वीट में कहा एक भ्रामक कहानी को आगे बढ़ाना केवल संयुक्त राष्ट्र मिशन की प्रतिष्ठा को ही कलंकित करता है। इसने कहा, कथित न्यायिक उत्पीड़न के आरोप निराधार और अनुचित हैं। भारत कानून के शासन को कायम रखता है लेकिन समान रूप से यह भी स्पष्ट है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि वरिष्ठ प्रतिनिधियों को वस्तुनिष्ठ और सही जानकारी दी जाएगी। उधर, नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामले में जिनेवा में भारतीय मिशन की ओर से एक नोट वर्बल जारी किया जाएगा। इसे संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में भी उठाया जाएगा। इससे पहले जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अय्यूब के खिलाफ अथक महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों के बारे में ऑनलाइन ट्वीट किया था। इसने कहा था कि भारतीय अधिकारियों को इनकी तुरंत और पूरी तरह जांच करनी चाहिए और उनके खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न को समाप्त करना चाहिए।
भारत ने खारिज किए पत्रकार राणा अय्यूब के उत्पीड़न के आरोप
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