पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया द साइंस कांग्रेस का शुभारंभ
नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में द साइंस कांग्रेस का आरंभ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 108वें साइंस कांग्रेस को औपचारिक रूप से शुरू किया और विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज अपना देश भारत स्टार्टअप्स के मामले में शीर्ष 3 देशों में शामिल है। पीएम मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए साइंस कांग्रेस में शामिल होते हुए कहा कि स्टार्टअप्स के मामले में भारत आज टॉप 3 देशों में शामिल है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में साल 2015 तक भारत 130 देशों की सूची में 81वें स्थान पर था लेकिन वर्ष 2022 में हम लोग 40वें स्थान पर पहुंच चुके हैं। इस साल के इंडियन साइंस कांग्रेस का मुख्य विषय ‘महिला सशक्तीकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ है। पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। विज्ञान में जोश के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ जाता है तो नतीजे भी अभूतपूर्ण आते हैं। मुझे विश्वास है कि भारत का वैज्ञानिक समुदाय भारत को 21वीं सदी में वह मुकाम हासिल कराएगा जिसका वह हमेशा हकदार रहा है। 21वीं सदी के आज के भारत में हमारे पास दो चीज़े हैं- पहला डेटा और दूसरा तकनीक। इन दोनों में भारत के विज्ञान को नई बुलंदियों में पहुंचाने की ताकत है। डेटा विश्लेषण का फील्ड तेजी से आगे बढ़ रहा है।
8 साल मे हुए कई असाधारण काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइंस कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के विकास में वैज्ञानिकों की भूमिका काफी अहम है। पिछले 8 साल में कई असाधारण काम हुए हैं। भारत साइंस के क्षेत्र में तेजी से दुनिया के टॉप देशों में शामिल हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत जिस साइंटिफिक अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है हम उसके नतीजे भी देख रहे हैं। साइंस के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के टॉप देशों में शामिल हो रहा है। साल 2015 तक हम 130 देशों की वैश्विक नवाचार सूचकांक में 81वें नंबर पर थे और 2022 में हम 40वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करने होगा एक विशेष कार्यक्रम
इस बार के विज्ञान कांग्रेस में सतत विकास महिला सशक्तीकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। प्रतिभागी महिलाओं को एसटीईएम (विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग गणित) शिक्षा अनुसंधान के अवसरों और आर्थिक भागीदारी तक समान पहुंच प्रदान करने के तरीके खोजने के प्रयासों के साथ-साथ शिक्षण अनुसंधान और उद्योग के शीर्ष क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा जिसमें प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान भी होंगे।