सिन्हा बने स्पीकर, जदयू ने आखिरी वक्त पर व्हिप जारी कर तेजस्वी का खेल बिगाड़ा
पटना। बिहार विधानसभा में महागठबंधन की जमकर मोर्चेबंदी के बावजूद हृष्ठ्र उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा स्पीकर चुन लिए गए। जदयू ने आखिरी वक्त पर व्हिप जारी कर दिया। इससे तेजस्वी का खेल बिगड़ गया और राज्य में पहली बार स्पीकर की कुर्सी भाजपा को मिल गई। राज्य में ५१ साल यानी १९६९ के बाद स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ। चुनाव से पहले जमकर उठापटक भी हुई। पटना से करीब ३५० किलोमीटर दूर रांची में चारा घोटाले की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव ने भी भाजपा विधायकों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की, लेकिन उनका चारा काम न आया। नए स्पीकर सिन्हा (५३) लखीसराय से लगातार तीसरी बार भाजपा विधायक हैं। वे मंत्री भी रह चुके हैं। स्पीकर के चुनाव से पहले विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी विधायक वेल में आ गए और सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी का विरोध करने लगे। दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। सिन्हा के पक्ष में १२६ वोट और विरोध में ११४ वोट पड़े। हंगामे के बीच नए अध्यक्ष को तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ने आसन पर बैठाया। मांझी ने प्रोटेम स्पीकर होने की वजह से वोट नहीं दिया, जबकि बसपा के दो विधायक गैर-हाजिर रहे।
खुलेआम चोरी हुई:तेजस्वी
इससे पहले विधानसभा में हंगामे की वजह से ५ मिनट के लिए हाउस स्थगित किया गया था। इसी ५ मिनट में तेजस्वी यादव ने वीडियो रिकॉर्ड कर बयान जारी किया। तेजस्वी ने कहा- देश-दुनिया के सामने लोकतंत्र और संविधान की हत्या हो रही है। विधानसभा चुनाव में जनादेश की चोरी और स्पीकर के चुनाव में भी खुलेआम चोरी हो रही है। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार विधानसभा नहीं, विधान परिषद के सदस्य हैं। दो मंत्री तो विधान परिषद के भी सदस्य नहीं हैं। उनके कई विधायक गैर-हाजिर हैं और नेताओं को फर्जी विधायक बनाकर बैठाया गया है। नियम कहता है कि जो सदन का सदस्य नहीं होता, उसे वोङ्क्षटग के लिए दरवाजे बंद होने से पहले बाहर जाना होता है।
भाजपा को पहली बार मिली स्पीकर की कुर्सी
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