भागवत मे श्रीकृष्ण और रूकमणी विवाह पर श्रद्धालुओं ने बरसाए फूल

उमरिया। नगर के सेवानिवृृत शिक्षक एवं समाजसेवी अमोल सिंह के लालपुर स्थित निवास मे चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन गुरूवार को श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह का आयोजन हुआ जिसे बडे ही धूमधाम से मनाया गया। आयोजक नागेन्द्र प्रताप सिंह सिकरवार ने बताया है कि श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक आचार्य श्री राघवकृष्ण जी महराज ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास मे पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा मे श्री कृष्णलीला, गोपी उद्वव एवं रूकमणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। इस दौरान भारी संख्या मे भक्गण दर्शन हेतु शामिल हुए। कथा के दौरान महाराज आर्चाय राघवकृष्ण जी ने कहा कि महारास में भगवान श्री कृष्ण ने सोलह हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। भगवान श्रीकृष्ण रूकमणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। श्रीकृष्ण रूकमणी की वरमाला पर जमकर फू लों की बरसात हुई। कथावाचक आर्चाय राघवकृष्ण ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रूकमणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिये समाप्त हो जाती है। श्री आर्चाय ने कहा इस प्रसंग को श्रद्धा के साथ श्रवण करने से कन्याओं को अच्छे घर और वर की प्राप्ति होती है दांपत्य जीवन सुखद रहता है। इस मौके पर व्यवस्थापक राहुल सिंह सिकरवार ने बताया है कि आज 26 फ रवरी 2021 को नवयोगेश्वर संवाद, सुदामा चरित्र, दन्तात्रेय की शिक्ष, परीक्षित मोक्ष, शुकदेव पूजन एवं कथा विराम होगा। 27 फ रवरी को शांती यज्ञ, हवन के पश्चात महाप्रसाद भंडारे का आयोजन किया गया है। जिले के समस्त धर्मानुरागी नागरिकों से भगवत कथा का श्रवण कर पुण्यलाभ प्राप्त करने की अपील की गई है।

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