तीन दिवसीय प्राकट्य पर्व का समापन, कलाकारों ने दी बेहतरीन प्रस्तुतियां
बांधवभूमि, उमरिया
शासन के संस्कृति विभाग एवं प्रशासन के सहयोग से जिला मुख्यालय मे श्रीराम कथा पर आधारित तीन दिवसीय प्राकट्य पर्व संपन्न हो गया। तीसरे दिन सुबोध प्रमाणिक झारखण्ड एवं उनके साथियों ने छाऊ नृत्य की प्रस्तुति दी। छाऊ के माध्यम से राम जी द्वारा धनुष का भंग करना तथा धनुष टूटने पर परशुराम जी के आने के प्रसंग का मंचन किया गया। इसी तरह गुजरात से आए मीनल कुमार, उदय सेवक एवं उनके साथियों द्वारा गुजरात के लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। प्राकट्य पर्व के दौरान भोपाल से आये रामचंद्र सिंह एवं उनके साथियों ने लीला नाट्य लक्ष्मण चरित्र की प्रस्तुति दी, जिसे उपस्थित दर्शकों द्वारा सराहा गया। लक्ष्मण चरित्र के माध्यम से शिव पार्वती का नृत्य, शिव पार्वती द्वारा बूढ़ा देव एवं बूढ़ी देवी का वेश बनाकर धरती मे लक्ष्मण चरित्र देखने, राम एवं रावण के युद्ध का मंचन, लक्ष्मण जी का अपने दोस्त से मिलना, लक्ष्मण के चरित्र पर शंका करते हुए राम जी द्वारा सजा देने, भंवरों द्वारा तिरिया फूल को उठा ले जाने, राम जी द्वारा पाण्डवों एवं हनुमान की सहायता से भाई लक्ष्मण को बचाने, लक्ष्मण जी द्वारा तिरिया फूल से विवाह रचाने, रामजी आज्ञा से लक्ष्मण जी द्वारा माता सीता को वन मे भेजने, माता सीता की वन मे महर्षि वाल्मीकी से भेंट, सीता के दो पुत्र लव एवं कुश होने, राम जी एवं लक्ष्मण द्वारा वन घूमने के दौरान लव एवं कुश तथा माता सीता से भेंट होने का आदि का वर्णन किया गया।
भगवान के चरित्रों का मंचन देख मुग्ध हुए दर्शक
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