चंदिया पुलिस को मिली अहम कामयाबी, दो आरोपी भी दबोचे गये
उमरिया। पुलिस अधीक्षक वीके शाहवाल द्वारा जिले मे नशे के कारोबार पर नकेल कसने छेड़े गये अभियान के सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं। बीते दिन सिविल लाईन चौकी पुलिस द्वारा मोटरसाईकिल मे ले जाई जा रही 2 किलो गांजे की खेप बरामद करने के बाद चंदिया पुलिस 60 किलो गांजे से भरी एक बोलेरो को धर दबोचने मे कामयाब रही है। बताया जाता है कि तस्कर उक्त गांजा छत्तीसगढ़ से कटनी ले जा रहे थे। मुखबिर के जरिये इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस रोल मे आ गई और योजनाबद्ध तरीके से घेराबंदी कर बोलेरो क्रमांक सीजी 10 एफ ए 4265 को अपने कब्जे मे ले लिया।
एक आरोपी फरार
उक्त कार्यवाही की जानकारी देते हुए एसडीओपी केके पाण्डेय ने बताया कि संतोष पिता मुन्नालाल कुशवाहा 32 वर्ष निवासी सिहोरा जिला जबलपुर एवं राकेश पिता भैयादीन पटेल 30 निवासी ग्राम राजापुरवा जिला छतरपुर बोलेरो वाहन मे गांजा भर कर बिलासपुर छग से कटनी के लिये रवाना हुए थे। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने रणनीति बना कर गुजरने वाले वाहनो की सर्चिग शुरू की। जैसे ही बोलेरो वहां पहुंची तो उसे रोक कर तलाशी शुरू की गई। इसी दौरान आरोपी भागने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने तत्परता से दो आरोपियों को तो पकड़ लिया पर एक छिटकने मे सफल हो गया। जिसकी पतासाजी की जा रही है।
8.72 लाख का मशरूका
तलाशी मे बोलेरो की सीलिंग तथा बीच वाली सीट के नीचे रखे गये 89 बंडल जब्त किये गये। जिसका कुल वजन 60 किलो है। पुलिस ने गांजे के अलावा 3 मोबाईल और परिवहन मे प्रायुक्त वाहन भी जब्त किया है। इन सब का बाजारू मूल्य 8 लाख 72 हजार रूपये आंका गया है। प्रेस कांफे्रन्स मे थाना प्रभारी राघवेन्द्र तिवारी भी मौजूद थे।
काम कर रहा अंतर्राज्यीय गिरोह
पकड़े गये आरोपियों से कड़ी पूंछताछ के बाद भी पुलिस उनसे गांजे के असली माफियाओं का सुराग नहीं पा सकी है। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों को केवल वाहन को कटनी तक पहुंचाने का जिम्मा दिया गया था। वाहन किसे सुपुर्द करना है यह जानकारी भी उन्हे वहीं पहुंचने के बाद ही मिलनी थी। पुलिस का मानना है कि गांजे के इस कारोबार मे माफिया बेहद शातिराना तरीके से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। यह एक अंतर्राज्यीय गिरोह है जिनमे एक ग्रुप सप्लायर है जबकि दूसरा ट्रांसपोर्टर। उसका कहना है कि इस गैंग के असली कर्णधारों तक पहुंचने के लिये कई जिलों के अलावा मप्र और छत्तीसगढ़ राज्यों की पुलिस को मिलकर कार्यवाही करनी होगी। बहरहाल पुलिस मोबाईल मे दर्ज नंबरों के जरिये मामले मे आगे बढऩे का प्रयास कर रही है।