SDERF की टीम ग्वालियर से पहुंची
रेस्क्यू कार्य को गति देने और बोरवेल में फंसी बच्ची दिव्यांशी को सुरक्षित निकालने के लिए जिला प्रशासन ने SDERF (स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रेस्पॉन्स फोर्स) के दल को ग्वालियर से बुलाया है। साथ ही होमगार्ड छतरपुर की टीम भी घटना स्थल पर पहुंची है। जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू टीम ने 7ः30 बजे तक 20 फीट तक पैरलर गड्ढा खोदा है। इसके बाद सुरंग खाेदने का काम शुरू किया गया है।
परिवार में 3 बेटियां, दिव्यांशी सबसे छोटी
रामसखी और राजेंद्र कुशवाहा की तीन बेटियां हैं। दिव्यांशी अपनी बहनों में सबसे छोटी है। सबसे बड़ी बेटी माया कुशवाहा(6), दूसरी बेटी 3 साल की नैनसी कुशवाहा है।
पुलिस का दावा- बच्ची को सुरक्षित निकाल लेंगे
घटना गुरुवार को दौनी गांव में शाम करीब 3:30 बजे हुई। बच्ची का नाम दिव्यांशी है। उसके पिता राजेंद्र कुशवाहा ने बताया कि दिव्यांशी अपने खेत में खेल रही थी। यहां बोरवेल खुला पड़ा था। खेलते-खेलते वह बोर में गिर गई। परिवार ने खोजा तो बोरवेल से रोने की आवाज आई। सूचना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए।एसडीएम विनय द्विवेदी, तहसीलदार सुनीता सहानी, एसडीओपी कमल कुमार जैन, नौगांव थाना प्रभारी दीपक यादव समेत भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद है। मासूम को बचाने के लिए बोर के पास जेसीबी से खुदाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
मां के साथ गई थी खेत पर
बच्ची के चाचा काशीराम का कहना है कि खेत में एक झोपड़ी है। दोपहर करीब साढ़े 3 बजे भतीजी उसकी मां रामसखी के साथ खेत पर गई थी। बच्ची को खेलता देख मां काम में जुट गई। कुछ देर बाद जब बच्ची नजर नहीं आई तो उन्होंने आवाज लगाई। इसी दौरान उनकी नजर बोरवेल की ओर गई। वे दौड़कर पहुंचीं और बोरवेल में आवाज लगाई तो बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद उन्होंने तत्काल आस-पास वालों को जानकारी दी।
मां बोली- मैंने बेटी से बात की
मां रामसखी ने बताया कि बेटी को 3 बजे के करीब झोपड़ी के पास खेलने के लिए छोड़ा था। करीब साढ़े 3 बजे जब मैंने देखा तो बेटी नजर नहीं आई। इसके बाद मैं बेटी को खोजने लगी। मैं बोरवेल के पास पहुंची तो उसके रोने की आवाज सुनाई दी। इस पर मैंने उसे आवाज लगाई, उसने कहा- मम्मी आ जाओ…। इसके बाद मैंने तत्काल आसपास वालों को बताया। सरपंच को भी फोन करवाया। उन्होंने पुलिस सहित अन्य सभी को कॉल किया। अभी मैंने बेटी से बात की… मैंने कहा- दिव्यांशी तू अच्छी है ना तो उसने कहा- मम्मी आ जाओ। बस अब यही चाहती हूं कि बच्ची सही सलामत बाहर आ जाए।
बच्ची को ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है
रेस्क्यू में जुटे थाना प्रभारी दीपक यादव का कहना है कि अब तक 12 फीट गड्ढा खोदा जा चुका है। करीब तीन-चार फीट खुदाई करना बाकी है। बच्ची बोरवेल में हलचल कर रही है। खुदाई का काम बहुत ही सावधानी के साथ किया जा रहा है।