बैक द्वारा हो मजदूरों का भुगतान

ऊर्जा प्रमुख सचिव ने दिये अधिकारियों को निर्देश, संगातावि केन्द्र का किया मुआयना
उमरिया। शासन के ऊर्जा प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कल जिले के बिजली निर्माण संयंत्र संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र का मुआयना किया। इस मौके पर उन्होने विशेष तौर पर कोयले की अनलोडिंग करने वाले श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान नगद की बजाय बैक द्वारा किये जाने का आश्वासन दिया। मंगठार प्रवास पर आये प्रमुख सचिव श्री दुबे ने प्लांट की सभी इकाईयों, कोयला अनलोडिंग, ट्रांसपोर्टिग आदि सेक्शनो का निरीक्षण कर अधिकारियों से जानकारी ली तथा उन्हे दिशा-निर्देश प्रदान किये। उनके सांथ मप्र पॉवर जनरेटिंग कम्पनी के एमडी मंजीत सिंह, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले प्रमुख सचिव, एमडी और जिले के कलेक्टर संग बिरासिनी मंदिर पहुंचे और मातेश्वरी की पूजा अर्चना की।
मीडिया को दूर रखने का प्रयास
जैसी की उम्मीद थी, प्लांट मे लंबे समय से धांधली मे लिप्त अधिकारियों ने प्रमुख सचिव और एमडी को वस्तुस्थिति से दूर रखने की काफी कोशिश की। इसके लिये मीडिया और आम जनता को दूर रखने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम को कवर करने पहुंचे पत्रकारों तथा अन्य लोगों को गेट के बाहर ही रोक दिया गया, परंंतु जैसे ही यह जानकारी ऊर्जा प्रमुख सचिव तक पहुंची, उन्होने तत्काल सभी को अंदर आने के निर्देश दिये।
कोयला ट्रांसपोटिंग मे धांधली
गौरतलब है कि वर्षो से जमे अधिकारियों ने संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र मे हर स्तर पर घोटाला किया है। आरोप है कि अमलाई ओसीएम से अमरकंटक ताप विद्युत केन्द्र चचाई के बीच 7 किमी कोयले की ढुलाई जहां मात्र 45 रूपये प्रति टन मे कराई गई है। जबकि उतनी ही दूरी याने ओसीएम से अमलाई रेलवे साईडिंग तक कोयला ढोने का काम पर संगातावि केन्द्र द्वारा लगभग 5 गुना ज्यादा याने 225 रूपये टन खर्च किये गये है। इस काम पर प्रति वर्ष करीब 400 करोड़ रूपये अधिक व्यय हुआ है।
घोटालों की लंबी फेहरिस्त
संगातावि केन्द्र मे घोटालों की लंबी फेहरिस्त है। बताया गया है कि मंगठार प्लांट की सभी इकाईयों को हर साल 4 महीने तक बंद रख करोड़ों रूपये के खर्च से मरम्मत कराने के बावजूद वे आये दिन ठप्प पड़ जाती हैं, इसका मुख्य कारण कागजों मे काम दिखा कर सरकारी पैसे की बंदरबांट है। इसके अलावा कोयला वैगनो को जल्दी खाली करने के लिये संयंत्र मे करोड़ों रूपये की लागत से बनवाया जा रहा अल्टरनेटिव कोल पास 4 साल मे भी काम करने की स्थिति मे नहीं आ सका है। जिससे रेलवे कम्पनी से अभी भी करोड़ों रूपये डेमेज शुल्क वसूल रहा है। इसके अलावा कोयला अनलोडिंग मे लगे करीब 600 मजदूरों का अब तक न तो खाता खुलवाया गया है और नां ही उनका ईपीएम आदि जमा किया जा रहा है। उन्हे नगद भुगतान कर अधिकारी हर महीने लाखों का वारा-न्यारा कर रहे हैं। इस फर्जीवाड़े का शोर जिले से लेकर राजधानी तक मे गूंज रहा है। समझा जाता है कि ऊर्जा सचिव इन्ही सब मुद्दों को तफसील से समझने प्लांट का दौरा कर रहे हैं।
दिखेंगे परिणाम
चर्चा के दौरान ऊर्जा प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र मे उत्पादन और खर्च का समन्वय बिठाने के अलावा पुराने प्लांट के सुधार हेतु चर्चा कर आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। उन्होने आश्वस्त किया कि आने वाले समय मे इसके सार्थक परिणाम भी दिखाई देंगे।

 

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *