नई दिल्ली। सरकारी बैंकों के 10.24 करोड़ खातों में 35,012 करोड़ रुपये फरवरी 2023 तक जमा थे, जिनको पिछले 10 साल से ऑपरेट नहीं किया गया है। इस लावारिस डिपॉजिट को बैंकों ने रिजर्व बैंक में ट्रांसफर कर दिया गया है। अनक्लेम्ड डिपॉजिट वह रकम है जो 10 साल से अधिक समय से ऑपरेट नहीं की गई है. मार्च 2022 तक 48,262 करोड़ रुपये बैंकों में लावारिस डिपॉजिट के तौर पर थे। लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। भारतीय रिजर्व बैंक लावारिस डिपॉजिट को डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में डाल देता है। फरवरी 2023 तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास 8,086 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक के पास 5,340 करोड़ रुपए, केनरा बैंक के पास 4,558 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ बड़ौदा के पास 3,904 करोड़ रुपए की अनक्लेम्ड डिपॉजिट थी। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर कोई उपभोक्ता अपने खाते से 10 साल तक कोई लेन-देन नहीं करता है तो उस खाते में जमा रकम अनक्लेम्ड हो जाती है। जिस खाते से लेन-देन नहीं किया जा रहा है, वह निष्क्रिय हो जाता है। अनक्लेम्ड राशि बचत खाता, चालू खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट खाते में हो सकती है। किसी बैंक एकाउंट के निष्क्रिय होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे एकाउंट होल्डर द्वारा बैंक खाते को भूल जाना या खाताधारक की मौत हो जाना, परिवार वालों को मृतक के एकाउंट के बारे में जानकारी न होना, गलत पता या फिर खाते में नॉमिनी दर्ज न होना।
अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स के बारे में जानकारी आमतौर पर बैंक वेबसाइट्स पर ही मिल जाती है। एकाउंट पैन कार्ड, जन्मतिथि, नाम और पते से यह जानकारी ली जा सकती है कि क्या एकाउंट होल्डर के खाते में अनक्लेम्ड राशि पड़ी है। बैंक सामान्य पूछताछ और जरूरी दस्तावेज लेकर निष्क्रिय एकाउंट में पड़ी राशि को ब्याज सहित लौटा देते हैं।
खाताधारक जरूरी कागजात दोबारा जमा कर ले सकते हैं राशि खाताधारक बैंक से संपर्क करके जरूरी कागजात दोबारा जमा करवाकर बैंक खातें में पड़ी राशि निकलवा सकता है, अगर खाताधारक की मृत्यु हो गई है तो नॉमिनी आसानी से अनक्लेम्ड राशि पर दावा कर सकता है। नॉमिनी को खाताधारक का मृत्यु प्रमाण-पत्र देना होगा, साथ ही उसे अपने केवाईसी डॉक्यूमेंट भी देने होंगे। अगर जॉइन्ट एकाउंट है तो बैंक जिस एकाउंट होल्डर की मौत हो चुकी है, उसका नाम काट देगा और जीवित एकाउंट होल्डर को सारे अधिकार दे देगा। अगर किसी एकाउंट में नॉमिनी दर्ज नहीं है तो फिर अनक्लेम्ड खाते से पैसे निकलवाने के लिए जो व्यक्ति बैंक से संपर्क करेगा, उसे छोटी रकम की निकासी के लिए उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र और बड़ी रकम निकाले के लिए सक्सेशन सर्टिफिकेट बैंक में देना होगा। अगर एकाउंट होल्डर की कोई वसीयत है, तो उसकी भी जांच की जाएगी। आमतौर पर बैंक क्लेम दाखिल करने के 15 दिन के अंदर इसका निपटारा कर देता है।
बैंकों मे जमा 35 हजार करोड़ का कोई वारिस नहीं, आरबीआई को लौटाया पैसा
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