बेज़ुबान वन्य प्राणियों पर भारी रेलवे की लापरवाही
दर्जनो दुर्लभ जीवों की मौत के बाद भी प्रबंधन निस्तेज, सरकार का निर्देश बेअसर
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
विगत बुधवार को जिले के घुनघुटी वन परिक्षेत्र मे एक और विलुप्त प्राय प्राणी कहा जाने वाला तेंदुआ ट्रेन की ठोकर से परलोक सिधार गया। यह पहला मौका नहीं है, जब रेल की पटरियों पर किसी वन्य जीव की इस तरह मौत हुई हो। आंकड़ों पर नजर डालें तो सामान्य वन मण्डल के इसी इलाके मे वर्ष 2023 के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक दुर्लभ जीव मालवाहक अथवा यात्री गाडिय़ों से कट कर अपनी जान गवां चुके हैं। इनमे बाघ, तेंदुओं के अलावा हिरण और चीतल आदि शामिल हैं। सरकार भी इस मामले मे संवेदनशील है। यही कारण है कि आवागमन की संरचनाओं के निर्माण मे वन्य जीवों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। खास कर अभ्यारणों से गुजरने वाले कई मार्गो पर करोड़ों रूपये की लागत से फ्लाई ओवर बनाये गये हैं, ताकि जंगली जानवरों का जीवन सुरक्षित रहे और उनके विचरण मे किसी तरह का खलल उत्पन्न न हो। वहीं रेलवे द्वारा अभी तक इस तरह का कोई इंतजाम नहीं किया गया है, जो आये बेकसूर जीवों की मृत्यु का बड़ा कारण बन रहा है।
नये निर्माण मे भी नहीं रखा जा रहा ख्याल
केन्द्र सरकार साफ निर्देश हैं कि सभी विभाग वन्य जीवों की सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए निर्माण करायें, परंतु रेलवे पर यह निर्देश बेअसर साबित हो रहा है। या यूं कहें कि क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनो से करोड़ों रूपये रोजाना कमाने वाला यह विभाग अपनी जिम्मेदारियों के सांथ ही पर्यावरण के प्रति भी संवेदनहीन है। शायद इसीलिये जिले मे आये दिन ट्रेनो की टक्कर से हो रही जंगली जानवरों की मौतों के बावजूद प्रबंधन ने दुर्घटना संभावित क्षेत्रों मे किसी तरह के उपाय करने की पहल तक नहीं की है। इतना ही नहीं वर्तमान मे हो रहे तीसरी लाईन के निर्माण मे भी वन्य जीवों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जा रहा है।
वन विभाग के सांथ कोई समन्वय नहीं
गौरतलब है कि जिले के मुंदरिया से बंधवाबारा रेलवे स्टेशन के बीच करीब 25 किलोमीटर क्षेत्र मे सघन जंगल हैं। जहां स्थानीय तथा बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से आये बाघ, तेंदुए, भालू, चीतल, हांथी इत्यादि जीवों का मूवमेंट निरंतर बना रहता है। इसी जंगल के बीचों-बीच बिलासपुर-कटनी रेलवे ट्रैक है, जिस पर हर घंटे दर्जनो ट्रेने गुजरती हैं। यह पूरा इलाका सामान्य वन मण्डल के अधीन है। सूत्रों का मानना है कि वन्य जीव विचरण क्षेत्र होने से यहां हर तरह का निर्माण वन विभाग के समन्वय से शासन के नियमानुसार होना चाहिये, परंतु रेलवे द्वारा मनमानीपूर्ण तरीके से सारे काम किये जा रहे हैं।
क्या होने चाहिये उपाय
जानकारों का मत है कि वन्य जीवों को बचाने के लिये उमरिया जिले बंधवाबारा और मुंदरिया स्टेशनो के बीच रेलवे ट्रैक के दोनो तरह चैन फेसलिंक की मजबूत बाड़ लगाया जाना बेहद जरूरी है। इसके अलावा राजमार्गो की तर्ज पर रेल रूट मे भी वन्य प्राणियों के मूवमेंट वाले इलाकों मे अण्डर तथा ओवर ब्रिज बनवाये जाने चाहिये ताकि वे आसानी से आर-पार जा सकें।
शासन को सौपेंगे रिपोर्ट
भारत सरकार के निर्देश पर वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट द्वारा सामान्य वन मण्डल के घुनघुटी परिक्षेत्र मे वन्य जीवों की सुरक्षा के लिये शोध किया जा रहा है। इसके लिये कैमरों के जरिये बंधवाबारा से मुंदरिया के बीच वन्यजीवों की गतिविधि वाले क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही है। इसकी फाईनल रिपोर्ट एक महीने के अंदर आने की उम्मीद है। जिसे रेलवे के सांथ शासन को प्रेषित कर प्राप्त निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जायेगा।
मोहित सूद
वन मण्डलाधिकारी, उमरिया