बूंद-बूंद को तरस रहे कामगार

बूंद-बूंद को तरस रहे कामगार
नौरोजाबाद मे वाटर सप्लाई ठप्प, अधिकारियों की लापरवाही से बिगड़े हालात
उमरिया। जिले के नौरोजाबाद स्थित एसईसीएल के फिल्टर हाऊस मे आई खराबी के कारण बीते कई दिनो से स्थानीय लोगों को भारी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। कालरी क्वाटर्स मे पानी की सप्लाई नहीं होने के चलते कालरी कामगार और उनके परिवार इस भीषण गर्मी के दौर मे बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रहे है। बताया गया है शहर मे वाटर सप्लाई के लिये एसईसीएल द्वारा करोड़ों रूपये की लागत से फिल्टर प्लांट स्थापित कराया गया है। जिसमे काफी पहले से दिक्कत आना शुरू हो गई थी। इसके समाधान के लिये जोहिला नदी पर दो पंप बैठाने का निर्णय लिया गया था। ये पंप विगत 6 महीनो से आकर धूल खा रहे थे परंतु इन्हे फिट नहीं किया गया। जिसकी वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई है। सूत्रों के मुताबिक जब मुसीबत सिर पर आ गई तब जा कर अधिकारियों की नींद खुली। अब नदी मे पंप लगाने का काम शुरू किया गया है।
बिना पंप लगाये हो गया भुगतान
जानकारी मिली है कि एसईसीएल के अधिकारियों ने बगैर पंप लगवाये न केवल ठेकेदार का बिल पास किया बल्कि धोखाधड़ी करके अधूरे निर्माण का लोकार्पण भी करवा दिया। सूत्रों के मुताबिक इस पूरे कार्य मे लाखों रूपये का फर्जीवाड़ा किया गया है।
रसूखदारों को पानी ही पानी
ऐसे समय मे जब कालरी कामगार और उनके परिवार पानी के लिये तरस रहे हैं, रसूखदारों को 24 घंटे सप्लाई की जा रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अभी भी कम्पनी द्वारा जीएम, सब एरिया और यूनियन लीडरों की लाइनों मे एक दिन मे दो से तीन बार आपूिर्त की जा रही है जिससे पूरा पानी खत्म हो जाता है। इसका विरोध करने पर व्यवस्था तो नहीं सुधरती उल्टा कार्यवाही की धमकियां दी जाती है।पानी की सबसे ज्यादा परेशानी मुंडी खोली, कृष्णा कालोनी, बर्मन लाइन, 5 न कालोनी और पीपल चौक मे बताई जाती है।
खराब सामान, लापरवाही कर्मचारी
कम्पनी से जुड़े लोग बताते हैं कि लापरवाही, कमीशनखोरी और घटिया माल के कारण फिल्टर प्लांट मे आये दिन खराबी आ रही है। मरम्मत के दौरान प्लांट मे इतना गुणवत्ताविहीन सामान लगाया जाता है कि वह तीन दिनो मे ही खराब हो जाता है। वहीं फिल्टर हाऊस मे तैनात कर्मचारी हाजिरी लगा कर दिन भर घूमते रहते हैं, जिससे और ज्यादा नुकसान होता है।

 

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