इंदौर। बुजुर्गों को डंपर में भरकर फेंकने के मामले में इंदौर प्रशासन की किरकिरी के बाद अधिकारी अब भगवान की शरण में पहुंच गए हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने रविवार को संकट चतुर्थी के मौके पर खजराना गणेश से इसके लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा, बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार पूरी तरह गलत था, क्योंकि अधिकारी होने के नाते ये हमारी जिम्मेदारी भी बनती है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था गौरतलब है, स्वच्छता रैंकिंग में लगातार चार बार नंबर वन रहे इंदौर में शुक्रवार को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई थी। नगर निगम के कर्मचारी बूढ़े भिखारियों को डंपर में मवेशियों की तरह भरकर शहर के बाहर छोड़ आए। लोगों ने कर्मचारियों की विरोध किया, तो उन्होंने बुजुर्गों को वापस डंपर में बैठाया। कर्मचारी बुजुर्ग भिखारियों को इंदौर-देवास सीमा पर शिप्रा नदी के पास छोड़कर जा रहे थे। कई बुजुर्ग चल-फिर भी नहीं सकते थे। वो गाड़ी में एक के ऊपर एक लदे थे। वहां मौजूद लोगों ने इस अमानवीय हरकत का विरोध किया तो कर्मचारी घबरा गए। जब ये खबर सुर्खियों में आई, तो निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने रैन बसेरा के दो कर्मियों को बर्खास्त कर दिया।
शिवराज को लेना पड़ा एक्शन
घटना पर सरकार की किरकिरी होती देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बचाव के लिए सामने आना पड़ा। उन्होंने मामले की जानकारी लेने के बाद निगम उपायुक्त प्रताप सोलंकी को निलंबित करने के निर्देश दे दिए। सोलंकी को नगरीय विकास संचालनालय भोपाल अटैच कर दिया गया।
गणेश भगवान से मांगी क्षमा
खजराना गणेश मंदिर की प्रबंध समिति के अध्यक्ष के नाते कलेक्टर मनीष सिंह रविवार को मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने ध्वज पूजन किया। इस दौरान आईजी हरिनारायण चारी मिश्र समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। ध्वज पूजन के साथ ही भगवान गणेश को 51 हजार लड्डुओं का भोग लगाया गया।
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