बीस दिन बाद बंद हो जाएंगे बांधवगढ़ के गेट
जुलाई से सितंबर के आखिर तक निषेद्य रहेगा पर्यटन, बाघों को मिलेगी आजादी
उमरिया। बांधवगढ़ मे अब अगले महीने से सितम्बर तक के लिए पर्यटन बंद हो जाएगा। जून का महीना जंगल मे पर्यटन का आखरी महीना है और इसके बाद 3 महीने तक पर्यटन बंद रहेगा। जुलाई से 3 महीने तक जंगल मे खामोशी रहेगी और इस दौरान जंगल के बाघ पूरी तरह से आजाद होकर जंगल मे घूम सकेंगे। हालांकि इस दौरान बाघों की सुरक्षा पर पार्क प्रबंधन को ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
इसलिए बंद होता है पर्यटन
दरअसल बारिश के दौरान पर्यटन कई कारणों से बंद रखा जाता है। इसमें सबसे बड़ी वजह तो यह है कि जंगल के बच्चे रास्तों मे वाहन चालाना आसान नहीं होता। वाहन जंगल मे कहीं फंस न जाए और पर्यटक किसी तरह की परेशानी मे न फंसे इसलिए पर्यटन बंद कर दिया जाता है। हालांकि इसकी अन्य वजह यह भी है कि बारिश के दिनों मे बाघ ज्यादातर बाघिन के साथ रहना पसंद करता है और इस दौरान वे ज्यादा खुंखार हो जाते हैं।
बाघों को मिलेगी आजादी
जुलाई से सितम्बर के आखिर तक पार्क बंद रहने से जंगली जानवरों के जीवन मे मनुष्यों का दखल पूरी तरह से बंद हो जाता है और वे ज्यादा बेहतर ढंग से जंगल मे निवास कर पाते हैं। जंगल के अंदर वाहनों और पर्यटकों का शोर थमने से जंगली जानवरों को सुकून मिलता है। वन्य प्राणी प्रेमी नरेन्द्र
बगडिय़ा का कहना है कि जंगल के जानवर अपने प्राकृतिक वातावरण मे रहने के आदि होते हैं लेकिन पर्यटन के कारण उन्हें परेशान होना पड़ता है।
इस पर दिया जाएगा ध्यान
पर्यटन बंद होने के दौरान सबसे खास बात यह है कि अगले 3 महीने तक जंगल मे बाघों का विशेष ध्यान रखा जाएगा और उनके आवास को सुरक्षित करने के लिए गश्त बढ़ाई जाएगी। इस दौरान बाघों के मार्ग को और घना किया जाएगा ताकि वह आसानी से विचरण कर सकें। जंगल के रास्तों के अंडरपास को भी क्लियर किया जाएगा। एक जुलाई मे बंद होने के बाद नेशनल पार्क को अक्टूबर मे खोला जाएगा।
बीस दिन बाद बंद हो जाएंगे बांधवगढ़ के गेट
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