बीमारी ठीक हो रही थी…डिस्चार्ज होने वाले थे…पर…आक्सीजन खत्म हो गई
मेडिकल कॉलेज शहडोल मे 10 संक्रमितों की मौत से हिला देश
कोरोना पर भारी व्यवस्था की नाकामी, मौतों की संख्या को लेकर भी संशय
शहडोल/सोनू खान। संभागीय मुख्यालय के मेडिकल कॉलेज मे कल कोरोना का इलाज करा रहे कई मरीजों की संदिग्ध परिस्थितियों मे मौत हो गई। परिजन इस बात से हैरान थे कि कुछ घंटे पहले तक तो सब कुछ ठीक-ठाक था, इनमे से कई की तो एक-आध दिन मे छुट्टी भी होने वाली थी। फिर अचानक ऐसा क्या हो गया। धीरे-धीरे जब बात खुली तो उन्हे समझ आया कि रात मे अचानक ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया और मरीजों ने तड़प-तड़प कर जान दे दी। हलांकि जिला प्रशासन और मेडिकल प्रबंधन मौत के कारणो से इत्तफाक नहीं रख रहा। उनका कहना है कि संस्थान मे पर्याप्त ऑक्सीजन है। मरने वाले सभी लोगों की स्थिति गंभीर थी, इसी वजह से उनकी जान गई है।
मौतों के आंकड़े जारी करने से परहेज
मृतकों की संख्या को लेकर भी लोगों का मत भिन्न है। मरने वालों के रिश्तेदार उनकी तादाद दोगुनी होने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि रात मे जब गैस की सप्लाई कम होने लगी तो अस्पताल मे चीख-पुकार और मदद मांगने की आवाजें आने लगी। उन्हे लगा कि कुछ देर मे सब ठीक हो जायेगा, लेकिन धीरे-धीरे मरीजों की सासें थम गई। उनका यह भी आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में भारी अव्यवस्था व्याप्त है, मरीजों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं हो रही है। ना तो डॉक्टर ही मरीजों को देखने आ रहे हैं और ना ही पैरामेडिकल स्टाफ उनका ख्याल रख रहा है। इसी लापरवाही के कारण उनकी मौत हुई है। दूसरी ओर इस घटना मे मृतकों की संख्या जारी करने से भी परहेज किया जा रहा है।
डीन ने स्वीकारी आक्सीजन कम होने की बात
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर के मुताबिक संस्था मे बनाये गये कोविड सेंटर के आईसीयू वार्ड मे 62 क्रिटिकल मरीज भर्ती हैं। बीती देर रात इनमे से कुछ मरीजों की मरीजों की मौत हो गई। आईसीयू वार्ड मे भर्ती अन्य क्रिटिकल मरीज सुरक्षित है। विशेषज्ञों को बुला गया है जो मरीजों की मौत के कारणों का पता लगा रहे हैं। डीन ने यह भी बताया कि शहडोल मेडिकल कॉलेज मे 10 केएलडी लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट लगा हुआ है। एमपी मे इसका निर्माण नहीं होता अत: यह अन्य राज्यों से आती है। शनिवार देर शाम लिक्विड ऑक्सीजन खत्म होने की जानकारी मिली थी, इसलिए लगातार इसे सप्लाई करने वाली संस्था से संपर्क किया जा रहा था लेकिन देर रात तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच सका। जिसके चलते मरीजों को दी जाने वाली ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया।
सवालों के घेरे में कॉलेज प्रबंधन
डीन डॉ. शिरालकर ने बताया कि पिछले दो बार से शहडोल प्लांट मे लिक्विड ऑक्सीजन की फीलिंग कम हुई है। अब सवाल ये उठता है कि जब डीन को मालूम था कि ऑक्सीजन की कम फ ीलिंग हुई है तो उन्होंने इस दिशा मे समय रहते व्यवस्था क्यों नहीं की। उनकी स्वीकारोक्ति कहीं न कहीं मृतकों के परिजनो के आरोपों की पुष्टि करती है।
बिना सिफारिश नहीं होता इलाज
संभाग के तीनो जिलों का स्वास्थ्य विभाग कोरोना के क्रिटिकल मरीजों को मेडिकल कॉलेज रिफर कर रहा है पर वहां उनका इलाज जिस तरह से हो रहा है, वह समझ से परे है। सूत्रों का कहना है कि संस्थान मे सिर्फ उन्ही मरीजों की सही देखरेख होती है जो या तो खुद रसूखदार हैं, या उनकी सिफारिश मंत्री और अधिकारी करते हैं। बाकी सब भगवान भरोसे हैं। वहां भेजे गये मरीजों के ठीक होने या हमेशा के लिये ठीक होने के आंकड़े भी यही गवाही देते हैं।
मासूमो की मौत की जिम्मेदार शिवराज सरकार:सुनील सराफ
कांग्रेस ने मेडिकल कॉलेज मे हुई मौतों की संख्या और कारणों को शिवराज सरकार के इशारे पर दबाने का आरोप लगाया है। पार्टी के नेता एवं कोतमा विधायक सुनील सराफ ने बताया कि मृतकों मे उनके क्षेत्र का एक व्यक्ति भी था, जिसके भाई ने रविवार सुबह 4.30 बजे फोन पर इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी उन्हे दी थी। उन्होने कहा कि ऑक्सीजन खत्म हो जाने से डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों की तड़प-तड़प कर जान चली गई और प्रदेश सरकार इसे स्वीकारने, खामी सुधारने और दोषियों को दण्डित करने की बजाय आंखमूंदने की कोशिश कर रही है। घटना की जानकारी मिलने के बाद शहडोल पहुंचे विधायक सराफ ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग और जिले के कोविड प्रभारी बिसाहूलाल सिंह पर भी लापरवाही बरतने व जनता को मुसीबत मे झोकने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शहडोल मे हुई मौतों के लिये मुख्यमंत्री और उनके मंत्री जिम्मेदार हैं। इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष आजादबहादुर, वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल सहित अन्य कांग्रेसजन उपस्थित थे।
माफ नहीं करेगी राज्य की जनता
उन्होने कहा कि पिछले साल संक्रमण कम होने के बाद सरकार को आगे की तैयारी का बड़ा मौका मिला था, लेकिन वह अपने विरोधियों के खिलाफ षडय़ंत्र रचने और चुनाव कराने मे लगी रही। यहां तक कि सभी कोविड केयर सेंटर तक बंद कर दिये गये। जिसका नतीजा आज भयावह बन कर सामने खड़ा है। विधायक सराफ ने कहा कि इस भयंकर अपराध के लिये राज्य की जनता भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी।