नगरपालिका व राजस्व के जिम्मेदारों ने बंद कर रखी है आंख
बांधवभूमि सोनू खान
शहडोल।जिले में इन दिनों अमृत सरोवर के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर नए तालाब के साथ पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार करा रही है। वहीं दूसरी तरफ शहर के कुछ रसूखदार तालाब में कब्जा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नगर के जेल बिल्डिंग के समीप एक रसूखदार द्वारा धीरे धीरे आधे तालाब पर कब्जा कर लिया गया है ।लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण कब्जा धारी के हौसले बुलंद होते चले गए। और अब शेष बचे तालाब मे आधी रात मिट्टी से आगे पाटकर अपने कब्जे का रकवा बढ़ाया जा रहा है। जिसकी भनक ना तो नगरपालिका को लग रही है और ना ही राजस्व विभाग को। आधी रात के बाद नियम को ताक में रखकर मजदूरों के माध्यम से मिट्टी डालकर तालाब को पटवाया जा रहा है। जबकि सुबह होते तक सब कुछ सामान्य स्थित में बदल जाता है। किसी की नजर इस हरकत पर न पड़े इसलिए वहाँ तालाब के कब्जे वाले हिस्से मे पर्दा डाल दिया गया है। जानकारी के अनुसार उक्त तालाब के पास का कुछ हिस्सा आवासीय परिसर हेतु लीज पर लिया गया था लेकिन धीरे धीरे वहाँ पर व्यवसायिक भवन के नाम पर लम्बी चौड़ी बिल्डिंग खड़ी कर दी गयी। अब उसे बिल्डिंग के विस्तार के लिए तालाब के शेष बचे हिस्से पर भी धीरे धीरे मिट्टी डालकर उसे पाटा जा रहा है ताकि समतल होने के बाद वहाँ पर कब्ज़ा कर निर्माण कराया जा सके। ज्ञात हो कि शहर के अधिकांश तालाबों में कब्जा शहर के अधिकांश तालाबों में रसूखदारों का कब्जा हो गया है। तालाब के इर्द-गिर्द बड़े-बड़े मकान तन गए हैं जिसके कारण तालाब का रकबा कम होता गया। कब्जा धारियों के रसूख के चलते कार्रवाई के नाम पर जिम्मेदार सिर्फ कोरम पूर्ति तक सीमित हैं। पुराने रिकॉर्ड के अनुसार तालाबों का रकबा अब काफी कम हो गया है। जिसकी जांच आवश्यक है।
बीच शहर रात के अंधेरे मे तालाब मे मिट्टी डाल किया जा रहा कब्जा
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