पटना। बिहार में वित्त विभाग संभालने का लंबा अनुभव रखने वाले प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी बोल नहीं रहे, लेकिन उनकी चाहत देश के वित्त मंत्रालय की है। दूसरी तरफ बड़े मोदी, यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के मोदी के लिए ‘अन्न’ से जुड़े दो में से एक मंत्रालय ही देंगे- यह लगभग तय है। बुधवार को सुशील कुमार मोदी के राज्यसभा के लिए नामांकन के पहले ही दिल्ली में इसकी बात लगभग पक्की हो चुकी है।
चार दिन से चर्चा तेज, पद भी लगभग तय
बिहार में नई सरकार के लिए NDA की पहली बैठक हुई थी, भास्कर ने तभी खुलासा किया था कि सुशील मोदी दोबारा डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे। उन्हें रामविलास पासवान की खाली सीट से राज्यसभा भेजकर केंद्र में मंत्रालय दिया जाएगा। सुशील मोदी को राज्यसभा का टिकट भी मिल गया और पिछले चार दिनों के अंदर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उनके लिए मंत्रालय भी लगभग तय कर लिया है।
किसान के बहाने तोमर या पासवान की कुर्सी पर बैठेंगे सुशील मोदी
कृषि कानूनों से संबंधित हकीकत से रू-ब-रू कराने और उन्हें आंदोलन से रोकने की रणनीति में नाकाम होने के आधार पर केंद्र में कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी बदलने की तस्वीर सामने आ सकती है। ऐसा हुआ तो केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल कर नरेंद्र सिंह तोमर को दूसरी जिम्मेदारी देते हुए सुशील मोदी को कृषि मंत्री बनाया जा सकता है। अगर पीएम इसके लिए तैयार नहीं हुए तो सुशील मोदी के लिए दिवंगत रामविलास पासवान के खाद्य-आपूर्ति मंत्रालय की कमान दी जा सकती है। पासवान के निधन के बाद अभी रेल मंत्री पीयूष गोयल के पास इस मंत्रालय का प्रभार है।
नीतीश और राधामोहन भी रहे हैं कृषि मंत्री
देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद आजादी से पहले अनाज संभालने वाले मंत्री रहे थे। गणतंत्र की स्थापना के बाद उन्हें राष्ट्रपति की जिम्मेदारी दी गई। बिहार के पहले राज्यपाल बनने से पहले जयराम दास दौलतराम भी अनाज का ही मंत्रालय संभाल रहे थे। उस जमाने के बिहारियों में बाबू जगजीवन राम, जगन्नाथ मिश्रा ने अनाज से जुड़ी जिम्मेदारी निभाई थी। नीतीश कुमार भी यह जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास भी यह जिम्मा रह चुका है और बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राधामोहन सिंह भी देश के कृषि मंत्री रह चुके हैं।