बिल्डिग़ों के भरोसे इलाज की तैयारी

बिल्डिग़ों के भरोसे इलाज की तैयारी
जिले मे डाक्टरों के 80 पद खाली, कैसे होगा कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला
बांधवभूमि, उमरिया
कोरोना की तीसरी लहर सिर पर आ पहुंची है। जिसे देखते हुए प्रदेश मे रात्रिकालीन कफर््यू लगाया जा चुका है, परंतु जिले मे दशकों से डाक्टरों के खाली पड़े पद अभी तक नहीं भरे जा सके हैं, नां ही इसे लेकर कोई गंभीर प्रयास ही किये गये। आलम यह है कि जिला अस्पताल मे ही क्लास वन एवं क्लास टू चिकित्सकों के 49 पद खाली हैं। जबकि सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों मे एक भी विशेषज्ञ डाक्टर उपलब्ध नहीं है। तो क्या महामारी का सामना स्टाफविहीन बिल्डिंगों से किया जायेगा। यह सवाल नकेवल गंभीर है बल्कि चिंता मे डालने वाला है।
जिला अस्पताल की हालत दयनीय
पूरे जिले के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें देने की जिम्मेदारी संभालने वाले जिला अस्पताल मे कई विशेषज्ञ एवं सामान्य डाक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं। जानकारी के मुताबिक मुख्य चिकित्सालय मे विशेषज्ञ डाक्टरों के 47 तथा क्लास-2 डाक्टरों के 27 पद स्वीकृत हैं। जबकि वर्तमान मे विशेषज्ञ डाक्टर मात्र 3 ही उपलब्ध हैं, वहीं क्लास-2 डाक्टरों की संख्या महज 12 बताई जाती है।
कई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र डाक्टरविहीन
जिले मे मानपुर, पाली एवं चंदिया सहित कुल 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जिनमे 3 विशेषज्ञ तथा 5-5 अन्य डाक्टरों के पद स्वीकृत हैं। इन तीनो स्थानो पर एक भी विशेषज्ञ डाक्टर पदस्थ नहीं हैं। सामान्य डाक्टरों की बात करें तो मानपुर मे 3, पाली मे 1 तथा चंदिया मे 2 डाक्टरों की उपलब्धता है। इसी तरह जिले मे करीब 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जिनमे से पाली के जमुड़ी, चौरी, करकेली के घुलघुली, चंदिया के हर्रवाह, बिलासपुर, मानपुर के अमरपुर, इंदवार ताला, धमोखर तथा बिजौरी सहित 10 केन्द्रों मे एक भी डाक्टर मौजूद नहीं है।
टेम्परेरी स्टाफ संभालेगा जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिये अस्थाई रूप से डाक्टर, नर्स तथा सपोर्टिग स्टाफ की व्यवस्था की गई है। बताया जाता है कि इस कार्य मे 11 आयुष डाक्टर, 15 नर्स, 7 टेक्नीशियन तथा इतने ही सपोर्टिग स्टाफ को टेम्परेरी तौर पर रखा गया है, जिनका कार्यकाल हर 89 दिन मे बढ़ाया जाता है।
अभी भी चालू नहीं हुई सिटी स्केन
जिला चिकित्सालय मे लगने वाली सिटी स्केन मशीन अभी भी चालू नहीं हो सकी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मरीजों की सिटी स्केन का ठेका किसी श्रीजी कम्पनी को दिया गया है, जो मशीन स्थापित करने के सांथ ही उसकी ऑपरेटिंग भी खुद ही करेगी। जांच के लिये एपीएल श्रेणी के लोगों को करीब 935 रूपये की फीस देनी होगी जबकि बीपीएल के लिये जांच निशुल्क रहेगी। कम्पनी ने मशीन तो अस्पताल मे पहुंचा दी है, पर अभी तक इसे स्थापित नहीं किया जा सका है।

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